स्किन रोग कौनसे है इनके लक्षण, कारण और बचने के उपाय : Skin problems in hindi
स्किन हमारे शरीर का अहम हिस्सा होने के साथ सबसे ऊपरी और सबसे नाजुक परतों में से एक होती है। त्वचा से ही हमारे शरीर की सुंदरता जुड़ी हुई होती है। Skin problems यानी स्किन सम्बंधी समस्याओं को नजरअंदाज करना शरीर की सुंदरता को नुकसान पहुंचाने के साथ साथ कई गम्भीर स्वास्थ्य से जुड़ी समस्याओं का भी कारण बनता है। इसलिए सबसे पहले यह जानकारी होना आवश्यक होता है की त्वचा से संबंधित समस्याएं (Skin problems) कौन-कौन सी होती है और Skin problems का इलाज क्या है।
त्वचा की तीन परतें होती है यह शरीर के तापमान को स्थिर रखती है। इसके रोमकूपों से कार्बनडाईऑक्साइड गैस यानी विषैले तत्व शरीर से बाहर निकलते हैं तथा ऑक्सीजन शरीर के अंदर प्रवेश करती है।
त्वचा शरीर के दूसरे भागों में संवेदना भेजने का काम करती है तथा Vitamins का संश्लेषीकरण करती है। मेलानिन पिगमेंट से स्किन को कलर मिलता है। चेहरे व उंगली के घेरों की त्वचा ज्यादा संवेदनशील होती है।
त्वचा रोग क्या है : What is skin disease in hindi
Skin problems अनेक प्रकार के ऐसे रोग, संक्रमण व विकार होते हैं जो इंसान की स्किन को प्रभावित करते हैं। वही चर्म रोग या Skin disease कहलाते हैं। त्वचा में होने वाले अधिकतर रोग या स्किन को प्रभावित करने वाले रोग या किसी प्रकार की Skin problems स्किन की परतों से ही शुरू होते हैं।
Table of Contents
- 1 त्वचा रोग क्या है : What is skin disease in hindi
- 1.1 त्वचा रोगों के कारण : Skin problems reason in hindi
- 1.2 त्वचा में होने वाले रोग कौनसे हैं : Tipes of skin problems in hindi
- 1.2.1 तैलीय त्वचा (Oily skin problems)
- 1.2.2 त्वचा का रूखापन (Dry skin problems)
- 1.2.3 त्वचा का संक्रमण (Skin infection problems)
- 1.2.4 त्वचा में मुहांसे (Skin acne problems)
- 1.2.5 त्वचा का कालापन (Skin blackheads in hindi)
- 1.2.6 कुष्ठ रोग (leprosy problems in hindi)
- 1.2.7 त्वचा में छोटी माता (Chickenpox problems in hindi)
- 1.2.8 खाज – खुजली (Scabies itching problem in hindi)
- 1.2.9 सफेद दाग (White spot problems in hindi)
- 1.2.10 चेहरे की झाइयां (Pigmentation problem in hindi)
- 1.2.11 छाल रोग सोरायसिस (Psoriasis problem in hindi)
- 1.2.12 खुजली रोग (Eczema problem in hindi)
- 1.2.13 दाद रोग (Ringworm problem in hindi)
- 1.2.14 शीतपित्त या पित्ती (Skin urticaria problem in hindi)
- 1.3 त्वचा रोग से बचने के उपाय : Home remedies for skin problems in hindi
- 1.4 Q 1. स्किन की प्रॉब्लम क्यों होती है?
- 1.5 Q 2. चर्म रोग क्या खाने से होता है?
त्वचा से ही इंसान के स्वास्थ्य के बारे में पता लगाया जा सकता है। त्वचा पर होने वाले रोगों में से कुछ में दर्द होता है और कुछ रोग दर्द रहित होते हैं। कुछ ऐसी भी Skin problems या स्किन संबंधी रोग माने जाते हैं जो कि अनुवांशिक भी होते हैं।
त्वचा रोगों के कारण : Skin problems reason in hindi
मुख्यतः त्वचा के रोग होने में स्किन रोम छिद्रों के बंद होने, उनमें गंदगी फसने, फंगस या बैक्टीरिया आदि कारण होते हैं। इस रोग Skin problems के और भी काफी कारण है जैसे
- स्किन के कुछ संक्रमण ऐसे होते हैं जोकि एक व्यक्ति से दूसरे में फैलते हैं एक दूसरे के संपर्क में आने से फैलते हैं।
- कुछ लोगों को कुछ चीजों से एलर्जी की समस्या होती है। ऐसी चीजों का सेवन करने या इनके संपर्क में आने के कारण भी स्किन से संबंधित रोग होने का खतरा बना रहता है।
- शरीर का इम्यून सिस्टम कमजोर होना भी इस रोग का बहुत बड़ा कारण होता है। क्योंकि अगर रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर हो तो त्वचा विकार जल्दी अपनी चपेट में लेते हैं।
- बॉडी का मेटाबॉलिज्म सिस्टम प्रभावित होने से और रक्त में पानी और इलेक्ट्रोलाइट संतुलन में गड़बड़ी होने के कारण भी skin problems होने का खतरा बना रहता है।
- अनियंत्रित खानपान से भी त्वचा से जुड़ी समस्याओं का खतरा बना रहता है। गैस, एसिडिटी, कब्ज आदि के कारण भी त्वचा विकार होते हैं।
त्वचा में होने वाले रोग कौनसे हैं : Tipes of skin problems in hindi
तैलीय त्वचा (Oily skin problems)
अधिक तैलीय त्वचा या त्वचा में चिकनाहट होने के कारण धूल-मिट्टी, गंदगी, विभिन्न प्रकार के रसायन और जीवाणुओं जैसे संक्रमित करने वाले कीटाणुओं आदि के कारण त्वचा गंदी हो जाती है। अगर त्वचा से गंदगी या इन हानिकारक तत्वों को नहीं हटाया जाए तो यह स्किन संबंधी बीमारियां यानि skin problems पैदा करते हैं।
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त्वचा का रूखापन (Dry skin problems)
स्किन के ड्राइनेस के वैसे तो बहुत से कारण होते हैं लेकिन बॉडी डिहाईड्रेशन और हवा में प्रदूषण या सूखापन के कारण स्किन में ड्राइनेस होती है। साथ ही पेट संबंधी समस्याओं के कारण भी स्किन में रूखापन होता है।
ज्यादातर मामलों में सर्दियों में कम पानी पीने के कारण स्किन ड्राई होती है और इसके कारण खुजली भी होने लगती है। लेकिन बहुत से लोगों में यह समस्या हर मौसम में बनी रहती है।
त्वचा का संक्रमण (Skin infection problems)
स्किन इन्फेक्शन या एलर्जी के बहुत से कारण होते हैं। सामान्य प्रक्रिया के दौरान हर व्यक्ति कई प्रकार के जीवाणुओं के संपर्क में आता है जो व्यक्ति पर आक्रमण कर बीमारी पैदा करते हैं।
लेकिन हमारा शरीर आक्रमण करने वाले जीवाणुओं से सुरक्षा के लिए विभिन्न प्रकार के सुरक्षात्मक उपाय अपनाता है जिनसे हम स्किन इन्फेक्शन से बचे रह सकते हैं।
त्वचा में मुहांसे (Skin acne problems)
एक्ने को पिंपल्स, मुंहासे आदि नामों से भी जाना जाता है। यह सिबेशियस ग्रंथि की एक बीमारी है। यह ग्रंथि पलकों, हथेलियों और एड़ियों को छोड़कर पूरे शरीर की त्वचा में स्थित होती है। इस रोग का प्रभाव क्षेत्र सबसे अधिक चेहरे, छाती के ऊपरी हिस्से और पीठ पर होता है।
यह रोग ज्यादातर सभी लोगों में होता है। हालांकि कुछ लोगों में यह हल्का और कुछ में गंभीर और लगातार लंबे समय तक रहता है। अधिकतर लोगों में एक्ने की समस्या 25 साल या उसके आसपास ज्यादा होती है तथा उसके बाद यह गायब हो जाते हैं।
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त्वचा का कालापन (Skin blackheads in hindi)
ब्लैक हेड्स की समस्या ज्यादातर टीनएजर में होती है। जिन लोगों की स्किन ऑयली होती है उनके ब्लैकहेड्स की समस्या होना आम बात है।
ब्लैकहेड्स छोटी कील की तरह त्वचा कर काले धब्बे होते हैं इनको बम्प या ओपन कॉमेडॉन भी कहते हैं इनकी सतह काले रंग की होती है। यह चेहरे के साथ साथ पीठ, छाती, कंधे पर भी हो सकते हैं। चेहरे पर यह नाक के आसपास ज्यादा होते हैं।
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कुष्ठ रोग (leprosy problems in hindi)
यह कुष्ठ रोग एक ऐसे जीवाणु के द्वारा उत्पन्न होता है जो मुख्यतः त्वचा और स्नायुओं को प्रभावित करता है लेकिन रोगी की प्रतिरोधक क्षमता कम होने पर यह शरीर के अन्य अंगों में भी फैल सकता है। यह रोग एक से दूसरे व्यक्ति में फैलता है।
कुष्ठ रोग के अनेक लक्षण होते हैं जैसे भौहें के आधे हिस्से से बाल गिरना, नाक बंद होना, हाथ पैरों की उंगलियों के अगले हिस्से का छोटा होना और दर्द रहित गहरा घाव होना कुष्ठ रोग में त्वचा मोटी और झुर्रीदार भी हो सकती है। गंभीर रूप से कुष्ठ रोग होने पर चेहरे, हाथों पैरों में अत्यधिक विकृति आ सकती है।
त्वचा में छोटी माता (Chickenpox problems in hindi)
चिकन पॉक्स कसे हुए और संगठित फफोलों के रूप में प्रकट होता हैं। शुरुआत में कुछ पानी के दाने निकलते हैं लेकिन अगले कुछ दिनों में काफी दाने निकल कर यह बीमारी पूरे शरीर में फैल जाती है। हर फफोले के चारों तरफ थोड़ी लाली होती है और चेहरे आदि को छोड़कर बाकी शरीर में केंद्रित होती है।
छोटी माता या चिकन पॉक्स के शुरुआती लक्षणों में इसमें शुरुआत में हल्का बुखार होता है। इसमें घाव पर पपड़ी बनती है और बिना कोई निशान छोड़े गिर जाती है। हालांकि कुछ रोगियों में घाव में दाग भी बनते हैं।
खाज – खुजली (Scabies itching problem in hindi)
यह त्वचा की एक सामान्य बीमारी यानि Common skin problems है जो एक सूक्ष्म परजीवी से पैदा होती है। यह परजीवी केवल मनुष्य में रहते हैं यह एक से दूसरे व्यक्ति के निकट संपर्क विशेषकर एक ही घर में रहने वालों के बीच फैलते हैं।
इस तरह इंफेक्शन पति-पत्नी, माता पिता, व एक बच्चे से दूसरे बच्चे में नौकर और स्कूल में खेलने के दौरान बच्चों में और उसी तरह अन्य लोगों में आसानी से फैलते हैं। इंफेक्शन का फैलाव विशेषकर तब सामान्य होता है जब किसी धार्मिक समारोह शादी आदि के दौरान लोग एक जगह इकट्ठा होते हैं।
यह बीमारी तब प्रकट होती है जब गर्भवती माता परजीवी त्वचा की सबसे बाहरी सतह में सुरंग बनाकर अपने अंडों को सुरंग में डाल देती है। 2 से 4 सप्ताह के अंदर व्यक्ति में परजीवी से एलर्जी उत्पन्न होती है इससे खुजली और छोटे दाने होते हैं। ऐसे दाने मुख्यतः उंगलियों के बीच, कलाइयों व कलाइयों के फोल्ड, कांछ, पेट, पीठ आदि में होते हैं।
यह रोग महिलाओं और पुरुषों के गुप्तांगों और जांघों तथा महिलाओं के स्तनों में सामान्यता होता है। इनमें रात को तेज खुजली होती है तथा खुजली करने से त्वचा में खरोंच आने और मवाद पड़ने से बैक्टीरियल इंफेक्शन होने का खतरा रहता है।
सफेद दाग (White spot problems in hindi)
यह बीमारी त्वचा पर सफेद दाग के रूप में प्रकट होती है। इस रोग में त्वचा का रंग ही चेंज होता है त्वचा पर किसी भी तरह का उभार, क्षति या कमजोरी नहीं होती है। अगर यह रोग बालों वाली जगह हो तो इससे बाल भी सफेद होने लगते हैं।
कुछ मामलों में यह दाग होंठ, लिंग के अगले हिस्से तथा गुप्तांगों की म्यूकस झिल्लियों में भी हो सकता है। इस रोग के दाग आकार और संख्या में भिन्न भिन्न हो सकते है।
चेहरे की झाइयां (Pigmentation problem in hindi)
इस रोग का संबंध अक्सर गर्भावस्था से होता है और यह चेहरे पर पिंगमेंटेड धब्बों के रूप में होता है। इसरोग के दाग समतल होते हैं इनमें किसी भी तरह का उभार नहीं होता न हीं त्वचा अलग महसूस होती है। इनका रंग भूरा काला होता है।
यह दाग शरीर के अन्य हिस्सों में न होकर केवल चेहरे पर व गालों के दोनों तरफ तथा नाक के उभार में होता है। कभी-कभी यह माथे के बीच में और ऊपरी होंठ व नाक के मध्य भाग में भी हो सकता है। इस रोग के होने में एस्ट्रोजन हार्मोन यानी मादा सेक्स हार्मोन का स्तर अधिक होना जिम्मेदार है।
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छाल रोग सोरायसिस (Psoriasis problem in hindi)
यह रोग स्केलिंग के साथ लाल धब्बों के रूप में शरीर के किसी भी हिस्से में प्रकट हो सकता है। इसके धब्बे विभिन्न आकार के होते हैं लेकिन इनके किनारे साफ होते हैं। कुछ रोगियों में इनमें गंभीर खुजली होती है हालांकि ज्यादातर लोगों में खुजली या दर्द नहीं होता। इस की पपड़ी बहुत ढीली होती है और आसानी से त्वचा से गिर जाती है।
इसके धब्बे सूखे होते हैं तथा इनमें किसी प्रकार का रिसाव नहीं होता है। यह चेहरे पर नहीं होता, लेकिन खोपड़ी, कुहनी, घुटनों और सीने पर यह अधिक होता है। इसके धब्बे गर्मियों में कम होते है कभी कभी तो यह गायब भी हो जाते हैं लेकिन सर्दियों में दोबारा हो जाते है। सोरायसिस हथेलियों, तलवों, नाखूनों में भी हो सकता है।
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खुजली रोग (Eczema problem in hindi)
एक्जिमा एक ऐसा रोग है जिसके कारण त्वचा शुष्क, लाल, खुजली दार, उभरी हुई या उबड़ खाबड़ हो जाती है। यह ज्यादातर बच्चों में देखा जाता है लेकिन यह रोग किसी भी उम्र में हो सकता है।
एक्जिमा रोग में स्किन में संक्रमण के साथ-साथ सुखापन भी होने लगता है और त्वचा बेजान हो जाती है। यह रोग अनेक प्रकार का होता है तथा इसके प्रकार के अनुसार इसके लक्षण भी भिन्न-भिन्न हो सकते हैं।
दाद रोग (Ringworm problem in hindi)
यह एक फंगल इंफेक्शन होता है जो पीठ, गर्दन, पैर या शरीर के अंदरूनी अंगों पर होता है तथा इसके होने से दाद वाले स्थान पर खुजली अधिक होती है और जैसे जैसे खुजली करते हैं और ज्यादा होने लगती है। यह रोग एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में फैलता है। गर्मियों के मौसम में यह रोग यानी फंगल इन्फेक्शन अधिक होता है।
शीतपित्त या पित्ती (Skin urticaria problem in hindi)
यह एक सबसे सामान्य एलर्जिक रोग है क्योंकि यह हर किसी के जीवन काल में कभी न कभी अवश्य ही इंसान इससे पीड़ित होता है। शीतपित्त यानि अर्टिकेरिया खुजली युक्त सूजन यानी गोल चकते के रूप में प्रकट होता है और यह शरीर के किसी भी हिस्से में और किसी आकार में हो सकता है।
इस रोग में होने वाले चकते 24 घंटे में अपने आप ही ठीक हो जाते हैं तथा दूसरी जगह नए चकते निकलने के रूप में जारी रह सकता है। यह बार-बार निकलते रहते हैं। यह गर्मियों के मौसम में होने वाली Common skin problems होती है।
त्वचा रोग से बचने के उपाय : Home remedies for skin problems in hindi
त्वचा से संबंधित रोगों या skin problems से बचने के लिए कुछ घरेलू उपायों और जरूरी सावधानियों के बारे में जानते हैं जोकि निम्नलिखित है।
- शरीर की साफ-सफाई के साथ-साथ अपने घर के आस-पास की सफाई का भी विशेष ध्यान रखना चाहिए।
- स्किन इन्फेक्शन या किसी संक्रमण से पीड़ित लोगों के सीधे संपर्क में आने से बचना चाहिए।
- जब भी बाहर से घर आए तो गर्म पानी से साबुन लगाकर अपने हाथों को अच्छे से धो लेना चाहिए।
- अपनी व्यक्तिगत वस्तुएं जैसे पहनने के कपड़े, बिस्तर, कम्बल, आंतरिक वस्त्र, कंघी, रेजर, टूथब्रश, स्विमिंग पूल आदि को किसी के साथ शेयर नहीं करना चाहिए।
- दिन भर भरपूर मात्रा में पानी व लिक्विड पेय पदार्थों का अधिक प्रयोग करना चाहिए।
- अपने नियमित आहार में प्रोटीन (Protein rich foods) , आयरन युक्त आहार व ताजे फल, सब्जियां, सलाद आदि को शामिल करना चाहिए।
- अत्यधिक तनाव, डिप्रेशन आदि से बचना चाहिए तथा 7 से 8 घंटे की भरपूर नींद नियमित लेनी चाहिए।
- छोटे बच्चों को, अपने व परिवार के लोगों को त्वचा से संबंधित रोगों संक्रमण आदि से संबंधित वैक्सीन या इंजेक्शन समय पर लगवाने चाहिए।
- सार्वजनिक स्थानों जैसे टॉयलेट, जिम के उपकरण आदि का प्रयोग करने से पहले साफ करें तथा बाद में अच्छे से साबुन से हाथों को धो लें।
- अगर किसी को त्वचा के संक्रमण के लक्षण दिखाई दे या त्वचा से संबंधित कोई भी समस्या हो तो चिकित्सक से परामर्श अवश्य लेना चाहिए।
FAQ
Q 1. स्किन की प्रॉब्लम क्यों होती है?
Ans त्वचा से संबंधित रोग होने का मुख्य कारण है स्किन के रोम छिद्र के बंद होने या इनमें गंदगी फसने, बैक्टीरिया, धूल मिट्टी, प्रदूषण, फंगस आदि के संपर्क में आने, अधिक तैलीय त्वचा और अनियंत्रित खानपान के कारण चर्म रोग होते हैं। कुछ हानिकारक Cosmetic products का प्रयोग भी Skin problems का कारण बनता है।
Q 2. चर्म रोग क्या खाने से होता है?
Ans नियमित खानपान में कुछ ऐसे पदार्थ है जिनका सेवन चर्म रोग का कारण बनता है जैसे दूध या दूध से बनी चीजों के साथ नमक, इमली, खट्टे फल, मीठी चीजों के साथ मूली, भोजन के साथ खीर, घी के साथ बराबर मात्रा में शहद आदि। इसके अलावा अनेक चीजें हैं जिनको ज्यादा खाना भी त्वचा के लिए नुकसानदेह होता है।
निष्कर्ष (Conclusion)
आज हमने जाना त्वचा रोग क्या है और Skin problems होने से कौन कौन से लक्षण दिखाई देते है। तथा त्वचा के रोग या skin problems होने के कारण और त्वचा रोगों से बचने के घरेलू उपाय क्या है। इस लेख के बारे में आपके कोई भी सवाल या सुझाव हो तो कमेंट में जरूर लिखें।
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-: लेख को अंत तक पढ़ने के लिए धन्यवाद :-
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