भूमि आंवला के फायदे और उपयोग

Bhui amla benefits in hindi

स्वास्थ्य की दृष्टि से भूमि आंवला या भुंई आंवला (Bhui Amla) एक बहुत ही महत्वपूर्ण और फायदेमंद औषधि होता है। इसका उपयोग करने से अनेक रोगों से बचने के साथ-साथ यह अनेक रोगों के उपचार में भी उपयोगी माना जाता है।आयुर्वेद के अनुसार भूमि आंवला एक महत्वपूर्ण औषधीय पौधा होता है। इसका वानस्पतिक नाम फाइलेंएंथस है। इस वृक्ष को आर्थिक व सुंदरता की दृष्टि से फुलवारी में भी लगाया जाता है। इसकी ऊंचाई 10 से 15 मीटर तक होती है।

इसके फूल रंग में सफेद या पीले होते हैं। भूमि आंवला के फूल सदैव गुच्छे में लगते हैं। फूल मार्च माह से मई माह तक खिलते हैं तथा इसके फल गुदेदार होते हैं नवंबर से फरवरी तक इसके फल पक जाते हैं। भूमि आंवला के फल इसकी पत्तियों के नीचे की तरफ कतार में लगते हैं। भुई आंवला लिवर या यकृत की यह सबसे प्रमाणिक औषधि है कांच व लोहे की कील खाने वालै बाजीगर भी इसके पौधे का रस पीकर सबकुछ पचा जाते है। बरसात के बाद आपने घर आंगन में इसके छोटे छोटे पौधों को देखा होगा जिसको उखाड कर नीचे देखे तो छोटे छोटे आंवले की तरह पत्तो के नीचे फल होते है इसे ही भूमि आंवला कहते है।

भूमि आंवला अपने में विशिष्ट गुण रखने वाला वृक्ष आसपास की वायु को भी शुद्ध करता है साथ ही यह विभिन्न आयुर्वेदिक औषधियां बनाने में भी काम आता है। इसके फलों में सर्वाधिक मात्रा में विटामिन सी पाया जाता है। सुप्रसिद्ध औषधि चवनप्राश को भी इसी आंवले से तैयार किया जाता है।जिसे प्राचीन ग्रंथों के अनुसार देवताओं के वैद्य अश्विनी कुमारों ने महर्षि च्यवन को खिलाकर उसके वृद्ध शरीर को युवाओं जैसी शक्ति दिला दी थी। हाजमें की महत्वपूर्ण आयुर्वेदिक औषधि त्रिफला में भी आंवले (Bhumi Amla) का एक भाग मिला होता है। इसके फलों से सुवासित केश तेल तथा शैंपू आदि बनाए जाते हैं।

यकृत या लिवर के लिए भुंई आंवला को एक महत्वपूर्ण औषधि माना जाता है। यह लिवर की सूजन या फैटी लिवर की समस्या से छुटकारा दिलाने में बहुत फायदेमंद होता है। इसके लिए भूमि आंवला के पंचाग का रस को नियमित पीना लाभकारी होता है।

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