Bhumi amla के फायदे और उपयोग | Bhumi amla benefits in hindi

भूमि आंवला क्या है इसका उपयोग और फायदे : Bhumi amla ke fayde : Indian gooseberry Benefits, benefits of bhumi amla

स्वास्थ्य की दृष्टि से भूमि आंवला या भुंई आंवला (Bhui amla) एक बहुत ही महत्वपूर्ण और फायदेमंद औषधि होता है। Bhumi amla का उपयोग करने से अनेक रोगों से बचने के साथ-साथ यह अनेक रोगों के उपचार में भी उपयोगी माना जाता है। पेट, लिवर के लिए तथा त्वचा व बालों के लिए Bhumi amla को बहुत फायदेमंद माना जाता है।

इस आर्टिकल में जानेंगे भूमि आंवला क्या है, भूमि आंवला के औषधीय गुण व महत्व तथा Bhumi amla कितने प्रकार का होता है। और भुंई आंवला या Bhumi amla का सेवन किन रोगों में फायदेमंद है आइए जानते हैं भूमि आंवला के औषधीय गुण फायदे (Bhumi amla benefits in hindi) और उपयोग करने के तरीके क्या है।

हरड़ बहेड़ा आंवला

चौथी चीज गिलोय।

इनका सेवन जो करे

व्याधि कहाँ से होय।।

भूमि आंवला के फायदे : Bhumi amla ke fayde in hindi

भुंई आंवला या Bhumi amla शरीर को स्वस्थ रखने में उपयोगी होने के साथ साथ अनेक बीमारियों में भी लाभकारी सिद्ध होता है।

  • यह लिवर के लिए एक बेहतरीन टॉनिक है भूमि आंवला लिवर की सूजन या फैटी लिवर की समस्या से छुटकारा दिलाने में बहुत फायदेमंद होता है।
  • इसके पंचाग का काढ़ा बनाकर नियमित कुछ दिन सेवन करने से किडनी की सूजन की समस्या से राहत मिलती है।
  • भूमि आंवले का काढ़ा या जूस प्रमेह, प्रदर व रक्तस्राव जैसे रोगो में भी लाभकारी होता है।
  • खांसी की समस्या में भी भुंई की पत्तियों में तुलसी की पत्तियां मिलाकर चबाने या काढ़ा बनाकर पीने से राहत मिलती है।
  • भूमि आंवला यूरिन इंफेक्शन या मूत्र रोग, यौन रोग, जननांग विकारों में भी लाभदायक होता है।
  • यह खून की कमी या एनीमिया, पेचिश, सुजाक आदि रोगों में भी रामबाण औषधि है।
  • महिलाओं के स्तन में गांठ या सूजन होने पर इसकी पत्तियों का पेस्ट बनाकर लेप करते रहने व काढा पीने से  आराम मिलता है।
  • भूमि आंवला हेपेटायटिस B और C  के लिए भी रामबाण होता है।
  • इस भूमि आंवला का नियमित सेवन हाई ब्लड प्रेशर की समस्या से राहत दिलाने में भी मददगार होता है।
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Table of Contents

भूमि आंवला क्या है : Bhumi amla kya hai

आयुर्वेद के अनुसार भूमि आंवला एक महत्वपूर्ण औषधीय पौधा होता है। भूमि आंवला या Indian gooseberry का वानस्पतिक नाम फाइलेंएंथस है। इस पौधे को आर्थिक व सुंदरता की दृष्टि से Kitchen Garden या फुलवारी में भी लगाया जाता है। इसकी ऊंचाई 1.0 से 1.5 मीटर तक होती है। Bhumi amla के फूल रंग में सफेद या पीले होते हैं।

भूमि आंवला के फूल सदैव गुच्छे में लगते हैं। फूल मार्च माह से मई माह तक खिलते हैं तथा इसके फल गुदेदार होते हैं नवंबर से फरवरी तक इसके फल पक जाते हैं। भूमि आंवला के फल इसकी पत्तियों के नीचे की तरफ कतार में लगते हैं।

भुई आंवला लिवर या यकृत की यह सबसे प्रमाणिक औषधि है कांच व लोहे की कील खाने वालै बाजीगर भी इसके पौधे का रस पीकर सबकुछ पचा जाते है।

बरसात के बाद आपने घर आंगन में इसके छोटे छोटे पौधों को देखा होगा जिसको उखाड कर नीचे देखे तो छोटे छोटे आंवले की तरह पत्तो के नीचे फल होते है इसे ही भूमि आंवला कहते है।

इसकी कई प्रजाति होती है पर दो को मुख्य माना जाता है। आदिवासी इलाकों में इसका सेवन विभिन्न रोगों में उपचार के रूप में किया जाता है।

भूमि आंवला के प्रकार (Bhumi amla plant types in hindi)

इस आंवले Bhumi amla की प्राय पांच प्रकार की किस्में पाई जाती है और स्वास्थ्य की दृष्टि से तीन ही महत्वपूर्ण होती है जैसे

बनारसी

यह इस आंवले की सबसे अच्छी किस्म मानी जाती है। इसके फल बड़े तथा चमकदार होते हैं तथा इसके फल जल्दी तैयार हो जाते हैं। इनको काफी समय तक स्टोर करके रखा जा सकता है।

लेकिन इसको लगाने के लिए इसके बगीचे में इसके साथ कम से कम 10% दूसरी किस्म के पौधे होने जरूरी होता है।

चकैया

यह कठोर किस्म का होता है इसमें काफी मात्रा में फल लगते हैं तथा गुणवत्ता में यह मध्यम श्रेणी का होता है। इसकी भंडारण क्षमता भी अच्छी मानी जाती है।

फ्रांसीस

इस किस्म के आंवले के फल भी बड़े आकार के तथा कठोर होते हैं। गुणवत्ता में भी यह मध्यम श्रेणी का होता है। इसके अलावा भी कृष्णा व कंचन किस्म का भी भुंइ आंवला होता है।

भूमि आंवला का प्राचीन महत्व (Bhumi amla impotance in hindi)

भूमि आंवला अपने में विशिष्ट गुण रखने वाला वृक्ष आसपास की वायु को भी शुद्ध करता है साथ ही यह विभिन्न आयुर्वेदिक औषधियां बनाने में भी काम आता है।

इसके फलों में सर्वाधिक मात्रा में विटामिन सी पाया जाता है। सुप्रसिद्ध औषधि डाबर चवनप्राश को भी इसी आंवले से तैयार किया जाता है।

जिसे प्राचीन ग्रंथों के अनुसार देवताओं के वैद्य अश्विनी कुमारों ने महर्षि च्यवन को खिलाकर उसके वृद्ध शरीर को युवाओं जैसी शक्ति दिला दी थी।

हाजमें की महत्वपूर्ण आयुर्वेदिक औषधि त्रिफला में भी इस Bhumi amla का एक भाग मिला होता है। इसके फलों से सुवासित केश तेल तथा शैंपू आदि बनाए जाते हैं।

भूमि आंवला के औषधीय फायदे / Bhumi amla benefits in hindi

लिवर रोग में भूमि आंवला (How to use bhumi amla for fatty liver)

यकृत या लिवर के लिए भुंई आंवला को एक महत्वपूर्ण औषधि माना जाता है। यह लिवर की सूजन या फैटी लिवर की समस्या से छुटकारा दिलाने में बहुत फायदेमंद होता है। इसके लिए भूमि आंवला के पंचाग का रस को नियमित पीना लाभकारी होता है।

लिवर रोग के बारे में अधिक जानने के लिए यह पढ़े – फैटी लिवर में क्या खाना चाहिए 

पीलिया रोग में भूमि आंवला

जॉन्डिस यानी पीलिया रोग एक आम बीमारी है। इस रोग से राहत दिलाने में इस भुंई आंवले को फायदेमंद माना जाता है।

आयुर्वेद के जानकार मानते हैं कि पीलिया के रोगी को सुबह शाम नियमित भूमि आँवला के जूस रस का सेवन करना चाहिए। क्योंकि निश्चित मात्रा में इस आंवले का जूस पीने से पीलिया रोग में लाभ होता है।

इसके अलावा पीलिया या मलेरिया रोग में इसके पौधै की पंचाग को ताजी छांछ के साथ सेवन करने से लाभ होता है।

पेट के रोगों में भूमि आंवला

यह पाचन क्रिया को मजबूत बनाने के साथ साथ पेट के तमाम तरह के रोगों से छुटकारा दिलाने में फायदेमंद होता है। पेट दर्द, गैंस, आफरा, बदहजमी, अपच या कब्ज जैसी समस्याओं से राहत पाने के लिए भुंई आंवला का ताजा जूस या काढा का सेवन करने से फायदा होता है।

यह पाचन संबंधी समस्याओं यानि Human digestive system से भी छुटकारा दिलाता है। यह आंवला पेट के ट्यूमर रोगों में भी असरकारी है।

डायबिटीज रोग में भूमि आंवला

मधुमेह जैसी बीमारी आज के समय बहुत फैलती जा रही है। इसलिए इसको नियंत्रित रखने के लिए भूमि आंवला के जूस में काली मिर्च पाउडर मिलाकर नियमित सेवन करना लाभदायक होता है।

शुगर की बीमारी में यदि चोट या घाव न भरता हो तो भुंई आंवला का पेस्ट बनाकर लगाने से जख्म या घाव जल्दी ठीक हो जाता है।

यह रक्त को शुद्ध करने के साथ साथ रक्त शर्करा को नियंत्रित करने में मददगार होता है। शुगर रोग के बारे में अधिक जानने के लिए यह पढ़े – मधुमेह के लिए आहार चार्ट

आंतो की सूजन में भूमि आंवला

भूमि आंवला आंतों को स्वस्थ और मजबूत रखने में भी लाभदायक औषधि होता है। आंतों की सूजन, इन्फेक्शन तथा अल्सर जैसी समस्याओं से राहत पाने के लिए Bhumi amla के साथ जड़ सहित दूब घास का रस निकालकर पीने से फायदा होता है। इसके साथ ही इसका सेवन करने से आंतों की सफाई होकर कार्यक्षमता भी बढ़ती है।

मौखिक स्वास्थ्य में भूमि आंवला

मुंह के किसी भी प्रकार के रोग या मुंह को स्वस्थ रखने के लिए भी भूमि आंवला लाभदायक होता है। मुंह की बदबू, दांतों व मसूड़ो में दर्द, तथा मुंह मे जख्म जैसी समस्याओं से छुटकारा पाने के लिए भुंई आंवला के पंचाग को पानी मे उबाल कर नींबू रस व सेंधा नमक मिलाकर गरारे करना फायदेमंद होता है।

इसके अलावा मुंह के छालों से छुटकारा पाने के लिए इसकी पत्तियों को चबाने से फायदा होता है साथ ही इनको चबाने से सांसों की बदबू की समस्या भी दूर हो जाती है।

बुखार में भूमि आंवला

यह आँवला बुखार में भी लाभकारी होता है। मौसम में बदलाव के कारण सर्दी खांसी, जुकाम, बुखार व गले में इंफेक्शन जैसी समस्याओं से राहत दिलाने में भूमि आंवला मददगार होता है।

इसके अलावा नाक से खून बहता हो या फिर महिलाओं में मासिक धर्म के बाद ओवर ब्लीडिंग की परेशानी हो इसका काढा लाभकारी होता है।

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Bhumi amla

भूमि आंवला के सेवन की मात्रा (Bhumi amla uses in hindi)

भुंई आंवला का उपयोग अनेक प्रकार से किया जा सकता है। साथ ही Bhumi amla का प्रयोग बहुत से व्यंजन बनाने में भी किया जाता है।

  • इस आंवले का चूर्ण के रूप में उपयोग करने के लिए आधा चम्मच या 4 से 5 ग्राम की मात्रा में पानी या शहद के साथ सेवन कर सकते है।
  • भूमि आंवला के ताजा रस को 15 से 20 मिलीलीटर या दो से तीन चम्मच की मात्रा में सेवन करना फायदेमंद होता है।
  • भूमि आंवला को बरसात के बाद उखाडकर धोकर जड़ सहित छाया में सुखा ले तथा सूख जाने पर हवा रहित डिब्बे में बंद करके रखे, सालभर इसका उपयोग कर सकते है।
  • इसका काढा बनाकर भी सेवन किया जा सकता है। इसके लिए इसके काढ़े को एक से दो कप की मात्रा में पिया जा सकता है अधिक मात्रा में सेवन से बचना चाहिये।

भूमि आंवला के अन्य उपयोग (Bhumi amla other benefits in hindi)

फल या पेड़ की छाल को रंगाई आदि में उपयोग किया जाता है। फलों को अचार या ऐसे ही खाने में काम लिया जाता है। आंवले के फलों के मुरब्बे बनाए जाते हैं।

यह पेट के रोग तथा खांसी के लिए भी लाभदायक माना जाता है। सूखे आंवले को पानी में भिगोकर उसके जल से सिर को धोने से बाल स्वस्थ और चमकदार होते हैं।

भूमि आंवला जूस के फायदे : Bhumi amla juice ke fayde

भुई आंवला के जूस का नियमित सेवन करना स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद होता है क्योंकि यह विटामिन सी का बहुत अच्छा स्रोत होता है। इसमें विटामिन ए, पोटेशियम,  कैल्शियम, मैग्नीशियम, आयरन, फाइबर, कार्बोहाइड्रेट, एंटीऑक्सीडेंट्स, एंटीवायरस तथा बी कॉम्पलेक्स जैसे तत्व प्रचुर मात्रा में पाये जाते है।

इसलिए सुबह के समय खाली पेट भूमि आंवला का जूस पीने से रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत होती है तथा शरीर का वजन नियंत्रित रहने के साथ संक्रमण रोगों से बचने में मदद मिलती है।

भुंई आंवले का महत्व : Bhumi amla ka paudha

भुई आंवला का औषधीय महत्व होने के साथ साथ इसका आध्यात्मिक महत्व भी होता है, हिंदू आंवले के पौधे को पवित्र मानते हैं। कार्तिक माह में एक खास दिन आंवले के पास या नीचे बैठकर भोजन करने का भी बहुत बड़ा महत्व बताया गया है। इसे अक्षय नवमी का पर्व कहते हैं।

FAQ

Q 1. भूमि आंवला को कैसे खाया जाता है?

Ans  भुंई या भूमि आंवला का सेवन करने के लिए इसके पंचाग का चूर्ण बनाकर गुनगुने पानी के साथ एक चम्मच की मात्रा में सेवन करना फायदेमंद होता है तथा इसको भोजन या सुबह नाश्ता करने के बाद खाना चाहिए। इसके अलावा इसका जूस पीना भी स्वास्थ्य के लिए गुणकारी होता है।

Q 2. भूमि आंवला खाने से क्या फायदे होते हैं?

Ans भुई आंवला एक बहुत ही उपयोगी और गुणकारी औषधि माना जाता है। इसका उपयोग करने से लिवर, किडनी, पेट के रोग, पाचन तंत्र, स्किन संबंधी समस्याएं, मधुमेह तथा सामान्य सर्दी, जुखाम, बुखार, खांसी, गले में इंफेक्शन जैसी समस्याओं से छुटकारा दिलाने में यह रामबाण होता है। आयुर्वेद में भूमि आंवला को बहुत ही शक्तिशाली व एंटीऑक्सीडेंट गुणों से भरपूर माना जाता है।

सावधानियां

Bhumi amla का बहुत अधिक मात्रा में उपयोग नही करना चाहिए। गर्भवती माताओं और बहुत छोटे बच्चो को सेवन से बचना चाहिये।

आइये आप सभी ऐसी वनौषधियों को संरक्षित कर निरोग रहने की कोशिश करें। जिनकों कोई रोग नही हो वो भी भुई आंवला का एक दो चम्मच ताजा रस या काढा बनाकर पीते हैं तो पीलिया, लिवर, पेट के रोग, गैस जैसी समस्याओं बचने के लिए एक सप्ताह सेवन कर साल भर बचे रह सकते है।

निष्कर्ष – Conclusion

इस आर्टिकल में हमने जाना Bhumi amla या भुंई आंवला क्या है तथा यह कितने प्रकार का होता है और इसके औषधीय गुण कौन-कौन से हैं तथा भूमि आंवला का सेवन (Bhumi amla uses) किन किन रोगों के उपचार में किया जा सकता है।

इस लेख Bhumi amla ke fayde के बारे में आपके कोई सुझाव या सवाल हो तो हमें कमेंट में जरूर बताएं तथा पोस्ट को शेयर भी करें।

-: लेख को अंत तक पढ़ने के लिए धन्यवाद :-

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