शंखपुष्पी के फायदे उपयोग और औषधीय गुण | Shankhpushpi benefits hindi

Shankhpushpi ke fayde : शंखपुष्पी के औषधीय गुण और फायदे : Benefits of Shankhpushpi

शंखपुष्पी एक ऐसी आयुर्वेदिक जड़ी बूटी है जो दिमाग को स्वस्थ रखने व मष्तिष्क की कार्य क्षमता या याददाश्त बढ़ाने के साथ-साथ अनेक बीमारियों को दूर करने में भी Shankhpushpi सहायक होती है। आज के समय तनाव भरी जीवन शैली में शंखपुष्पी का सेवन (Shankhpushpi uses) करना प्रत्येक व्यक्ति के लिए फायदेमंद होता है। इसका पूरा पौधा ही जैसे तना, फूल, पत्तियां, जड़ तथा बीज आदि औषधीय गुणों से भरपूर होता है। जानते है Shankhpushpi benefits in hindi

औषधीय जगत में शंखपुष्पी का उपयोग प्राचीन काल से ही होता आया है। शंखपुष्पी को अलग अलग जगह भिन्न भिन्न नामों से जाना जाता है। अंग्रेजी में इसको Convolvulus prostratus कहा जाता है। आयुर्वेदिक कंपनियों की बढ़ती हुई मांग को देखते हुए वर्तमान में Shankhpushpi की विधिवत खेती किए जाने की आवश्यकता प्रतीत होने लगी है।

Shankhpushpi benefits in hindi
Shankhpushpi Benefits

इसको शंखपुष्पी के अलावा फुली एवं शंखाहुली जैसे नामों से भी जाना जाता है। दुनिया भर में शंखपुष्पी की लगभग 80 प्रजातियां पाई जाती है जिनमें से अधिकांश ब्राजील में पाई जाती है। भारत में इसकी दो प्रजातियां बहुतायत में मिलती है जो खुले एवं पहाड़ी क्षेत्रों, बाग बगीचों, सड़क किनारे और कृषि योग्य खेतों में आसानी से पाई जाती है।

शंखपुष्पी क्या है – What is shankhpushpi in hindi

यह Shankhpushpi एक बहू वर्षीय एवं एक वर्षीय शाकीय पौधा है। जोकि प्रकृति में बीज एवं जड़ों के द्वारा अपने आप ही उग जाता है। इसका पूरा पौधा घने सफेद रोमों से ढका हुआ होता है और इसकी शाखाएं लगभग 40 सेंटीमीटर तक लंबी होती है। इसकी पत्तियां दोपहर में अधिक धूप के कारण मुरझा जाती है।

इसमें तीन तरह के फूल जैसे गहरे नीले, हल्के गुलाबी, और सफेद रंग के होते हैं तथा फूल प्रातः 6 बजे से लेकर दिन के 11 बजे तक पूरी तरह खुले रहते हैं और उसके बाद बंद होने लगते हैं। शंखपुष्पी के फूलों के रंगों में विभिन्नता सूर्य के प्रकाश एवं तापमान के प्रभाव के कारण होती है।

शंखपुष्पी की पत्तियों के फायदे (Shankhpushpi leaves benefits in hindi)

शंखपुष्पी के पूरे पौधे का ही उपयोग औषधि के रूप में किया जाता है। इसकी पत्तियों में इवोल्विन, बीटेन और B सिंटोस्टेरॉल नामक एल्कालाइट्स मौजूद होने के कारण इसका उपयोग स्वसन शोध, पितदोष एवं मिर्गी जैसी बीमारियों के इलाज में किया जाता है। इन पत्तियों में लैक्सेटिव गुण भी होते है।

इसकी पत्तियों का उपयोग अस्थमा, ब्रोंकाइटिस के इलाज में भी उपयोगी होता है। इसके अलावा Shankhpushpi की पत्तियों तथा फूलों का प्रयोग उच्च रक्तचाप में भी किया जाता है।

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शंखपुष्पी के औषधीय गुण और फायदे (Shankhpushpi benefits in hindi)

मष्तिष्क की कार्य क्षमता बढ़ाने में

दिमाग को स्वस्थ व मजबूत रखने तथा बुद्धि व याददाश्त बढ़ाने के लिए शंखपुष्पी को कारगर औषधि माना जाता है। प्राचीन समय से ही मस्तिष्क के लिए इसका उपयोग किया जाता रहा है। इसके लिए शंखपुष्पी के ताजे पौधे को पीसकर दूध या मक्खन के साथ मिलाकर इसमें शहद व मिश्री डालकर नियमित सेवन करने से बुद्धि तेज होती है तथा दिमाग शांत रहता है और मष्तिष्क की कार्य क्षमता बढ़ती है।

बालों के लिए

शंखपुष्पी का नियमित सेवन बालों से संबंधित समस्याओं से छुटकारा दिलाने व बालों को बढ़ाने तथा चमकदार व मुलायम बनाने के लिए फायदेमंद होता है। इसके लिए शंखपुष्पी का पूरा पौधा (जड़ सहित) पीसकर इसका सिर पर लेप लगाने से बाल घने, लंबे, सुंदर और चमकदार बनते हैं तथा इसके प्रयोग से बाल समय से पहले सफेद भी नहीं होते हैं।

शंखपुष्पी के रस का सेवन शहद मिलाकर करने से बालों के कमजोर होने व बाल झड़ने की समस्या से छुटकारा मिलता है।

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सिर दर्द में

आजकल सिर दर्द की समस्या एक आम समस्या है क्योंकि अधिक मानसिक तनाव या मानसिक कमजोरी जैसी समस्याओं के कारण मष्तिष्क की नसों पर दबाव पड़ता है और सिर में दर्द होता है। इससे बचने के लिए शंखपुष्पी तथा मिश्री को गुनगुने पानी में मिलाकर सेवन करने से सिर दर्द से तुरंत राहत मिलती है।

यह मष्तिष्क को शक्ति प्रदान करने में सहायक है। इसलिए शंखपुष्पी का किसी भी रूप में उपयोग माइग्रेन, तनाव, भूलने की बीमारी व मानसिक रोगों के इलाज के लिए किया जाता है।

मिर्गी रोग में

मिर्गी रोग यानी मिर्ची के दौरे आने की समस्या से राहत पाने के लिए शंखपुष्पी का प्रयोग फायदेमंद होती है। मिर्गी के रोगियों को शंखपुष्पी के पूरे पौधे से बनाए गए रस में शहद मिलाकर सेवन करने से लाभ होता है। इसके अलावा शंखपुष्पी के पंचांग के चूर्ण में बराबर मात्रा में कूट कुठ के चूर्ण को मिलाकर शहद के साथ सेवन करने से भी मिर्गी रोग में फायदा होता है।

डायबिटीज रोग में

शुगर की बीमारी से राहत दिलाने के लिए शंखपुष्पी फायदेमंद होती है। मधुमेह को नियंत्रित करने के लिए शंखपुष्पी के चूर्ण का सेवन सुबह शाम गुनगुने पानी या मक्खन के साथ करने से फायदा मिलता है। इसके अलावा शुगर रोग के कारण शरीर में आई हुई शारीरिक कमजोरी की समस्या को दूर करने में भी शंखपुष्पी के रस का सेवन किया जाना लाभदायक होता है।

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शंखपुष्पी के स्वास्थ्य लाभ (Shankhpushpi health benefits in hindi)

शंखपुष्पी को स्वास्थ्य के लिए बहुत फायदेमंद (Shankhpushpi benefits) माना जाता है। इसलिए इसका नियमित किसी भी रूप में सेवन करने से अनेक रोगों से बचाने के साथ साथ कई बीमारियों का इलाज करने में भी यह मददगार साबित होती है।

1. इससे प्राप्त किए जाने वाले तेल का प्रयोग बालों की वृद्धि में लाभदायक होता है जीरे और दूध के साथ इसका उपयोग करने से बुखार और तंत्रिका व जननागों से संबंधित रोगों में फायदा होता है।

 2. शंखपुष्पी के फूलों का उपयोग शक्कर के साथ करने से रक्त के शुद्धिकरण, आंखों की बीमारियों एवं मधुमेह रोग में लाभकारी होता है। यह याददाश्त तेज करने में भी सहायक होती है।

3. बच्चों के शारीरिक विकास, दिमाग एवं याददाश्त को सुरक्षित रखने के कारण शंखपुष्पी को बुद्धिमान पौधा भी कहा जाता है।

4. शंखपुष्पी का नियमित किसी भी रूप में सेवन करने से आंते मजबूत होती है तथा आंतों को साफ करने व कब्ज की समस्या से छुटकारा दिलाने में भी यह उपयोगी होती है।

5. हाई ब्लड प्रेशर की समस्या से राहत दिलाने में भी शंखपुष्पी फायदेमंद होती है क्योंकि इसमें एड्रेनलिन और कोर्टिसोल हार्मोन को नियंत्रित करके स्ट्रेस हार्मोन को नियंत्रित करने के गुण मौजूद होते है।

6. दूध के साथ शंखपुष्पी सिरप का सेवन करने से नींद अच्छी आती है क्योंकि यह दिमाग को रिलैक्स करती है।

 7. मूत्र संबंधी समस्याएं जैसे पेशाब में जलन, दर्द या रुकावट आदि में शंखपुष्पी को दूध में मिलाकर पीना फायदेमंद होता है।

 8. शंखपुष्पी की पत्तियों को तंबाकू के स्थान पर सिगरेट में डालकर पीने से यह सांस के रोगियों के लिए भी फायदेमंद होती है।

इसमें पाए जाने वाले इन्ही औषधीय गुणों के कारण ही शंखपुष्पी को असली आयुर्वेदिक ड्रग भी कहा जाता है।

FAQ

Q 1. शंखपुष्पी सिरप का सेवन कैसे करें?

Ans  वैसे तो शंखपुष्पी सिरप का सेवन दूध या पानी के साथ किया जाता है लेकिन अलग-अलग स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं के अनुसार इसके सेवन करने का तरीका अलग अलग हो सकता है।

Q 2. शंखपुष्पी कितने साल के बच्चों को देना चाहिए?

Ans  शंखपुष्पी का सेवन किसी भी उम्र में किया जा सकता है लेकिन 6 साल से कम उम्र के बच्चों को शंखपुष्पी नहीं देना चाहिए। 6 साल के बाद इसका सेवन करने से बच्चों का मानसिक विकास व दिमाग तेज होता है।

निष्कर्ष (Conclusion)

आज के लेख में हमने जाना शंखपुष्पी क्या है Shankhpushpi के फायदे तथा इसका सेवन किन-किन बीमारियों में किया जा सकता है। इस लेख के बारे में आपके कोई भी सुझाव या सवाल हो तो आप नीचे कमेंट बॉक्स में लिख सकते हैं।

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-: लेख को अंत तक पढ़ने के लिए धन्यवाद :-

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