अर्जुन की छाल या Arjun chhal हेल्प के लिए उपयोगी एक आयुर्वेदिक औषधि होती है Arjun chhal का प्रयोग कई प्रकार की स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं को दूर करने में किया जाता है। आयुर्वेद चिकित्सा पद्धति के अनुसार arjun bark या अर्जुन छाल का प्रयोग अधिकतर काढ़े के रूप में किया जाता है।
आज के इस लेख में जानेंगे की अर्जुन का पेड़, अर्जुन की छाल (Arjun bark) क्या है तथा इसकी छाल का प्रयोग कैसे, कब और क्यों किया जाता है और Arjun chhal ke fayde क्या है।
आयुर्वेद में सम्पूर्ण अर्जुन के पेड़ का महत्व और इसे औषधीय गुणों का भंडार बताया गया है। इसकी छाल यानि Arjun chhal का भी बहुत औषधीय महत्व है और यह स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद होती है।
अर्जुन छाल का काढ़ा बनाकर पीने से हृदय रोग जैसे हार्ट अटैक, स्ट्रोक, कोलेस्ट्रॉल, रक्तचाप, हार्ट फेल्योर जैसे रोगों के खतरे को काफी कम किया जा सकता है।
Table of Contents
- 1 अर्जुन की छाल के फायदे / Arjun bark benefits in hindi
- 1.1 अर्जुन छाल क्या है – what is arjun bark
- 1.2 अर्जुन के पेड़ में पोषक तत्व
- 1.3 अर्जुन छाल के फायदे और उपयोग – Benefits of arjun chhal and uses in hindi
- 1.4 अर्जुन की छाल का सेवन कैसे करें – Arjun chhal uses in hindi
- 1.5 अर्जुन की छाल कब लेनी चाहिए – Arjun ki chhal kab pina chahiye
- 1.6 अर्जुन की छाल के नुकसान – Arjun chhal side effects in hindi
- 1.7 FAQ : Arjun chhal के बारे में पूछे जाने वाले सवाल
इसके अलावा Arjun chhal पित्त, कफ, सर्दी-जुकाम, खांसी, मोटापा जैसी समस्याओं को दूर करने में सहायक है। लगातार अर्जुन की छाल का काढ़ा पीने से बॉडी का इम्यून सिस्टम काफी मजबूत होता है और सामान्यतः होने वाली स्वास्थ्य सम्बंधी समस्याओं का खतरा कम होता है।
इसके अलावा इसके और भी बहुत से स्वास्थ्य लाभ या Arjun bark benefits होते है विस्तार से जानने के लिए लेख को पूरा पढ़ें।
अर्जुन की छाल के फायदे / Arjun bark benefits in hindi
अर्जुन की छाल का इस्तेमाल दिल को सुरक्षित रखने में किया जा सकता है इसके साथ ही इसमें कैंसररोधी गुण भी मौजूद होते हैं। जानते हैं Arjun chhal के कुछ चमत्कारी फायदों के बारे में
- दिल को स्वस्थ रखने में अर्जुन छाल गुणकारी है
- अर्जुन की छाल डायबिटीज को कंट्रोल रखती है
- कोलेस्ट्रॉल कंट्रोल रखने में अर्जुन छाल फायदेमंद है
- अर्जुन छाल का काढ़ा पीने से ब्लड प्रेशर कंट्रोल रहता है
- स्तन कैंसर के खतरे को कम करती है अर्जुन छाल
- अर्जुन छाल का काढ़ा पीने से मोटापा घटता है
अर्जुन छाल क्या है – what is arjun bark
प्राचीन कॉल से आयुर्वेदिक चिकित्सा पद्धति में अर्जुन के वृक्ष का प्रयोग औषधि के रूप में किया जाता रहा है इस वृक्ष की मुख्यतः छाल और रस का इस्तेमाल आयुर्वेदिक औषधि के रूप में किया जाता है।
अर्जुन के पेड़ से प्राप्त छाल को ही Arjun chhal कहा जाता है इसे अंग्रेजी में Arjun bark के नाम से जाना जाता है। अर्जुन के पेड़ की छाल का प्रयोग विभिन्न तरीकों से हृदय के लिए, रक्तशोधक, मोटापा घटाने, डायबिटीज, पित्त व कफ जैसी समस्याओं के दूर करने में किया जाता है।
अर्जुन के पेड़ में पोषक तत्व
इसका पेड़ कई प्रकार के पोषक तत्वों और औषधीय गुणों से भरपूर होता है। अर्जुन के पेड़ में ट्राईहाइड्रोक्सी ट्राईटरपीन, बीटा-सिटोसिट्रोल, मोनो कार्बोकिसलिक एसिड, इलेजिक एसिड, अर्जुनिक एसिड आदि पाए जाते हैं। इसमें मौजूद इन्ही तत्वों के कारण यह बीमारियों से राहत दिलाने में गुणकारी माना गया है।
अर्जुन के पेड़ में कसुआरिनिन नामक एक रासायनिक घटक भी होता है यह शरीर मे कैंसर की कोशिकाओं को फैलने से रोकने में मददगार होता है। अर्जुन की छाल में टैनिन सबसे अधिक होता है इसके अलावा इसमें उच्च कैल्शियम, मैग्नीशियम, पोटेशियम आदि भी मौजूद होते हैं
अर्जुन छाल के फायदे और उपयोग – Benefits of arjun chhal and uses in hindi
दिल के लिए फायदेमंद अर्जुन छाल
दिल के रोगियों के लिए अर्जुन छाल काफी कारगर औषधि होती है। इसका काढ़ा बनाकर पीने या इसकी चाय पीने से शरीर का ब्लड प्राकृतिक रूप से पतला रहता है। यह हमारे दिल को रक्त पंहुचाने वाली धमनियों को स्वस्थ रखने में उपयोगी है
इसके सेवन से धमनियां सुचारू रूप से कार्य करती है। इसलिए हृदय रोगों के खतरों से बचने के लिए अर्जुन की छाल का किसी भी रूप में उपयोग करना हार्ट हेल्थ केयर के लिए फायदेमंद होता है।
कोलेस्ट्रॉल को कंट्रोल करने में अर्जुन छाल
हाई कोलेस्ट्रॉल की समस्या से ग्रसित लोगों के लिए अर्जुन की छाल का सेवन करना फायदेमंद होता है क्योंकि इसमें हाइपोलिपिडेमिक मौजूद होता है जो बॉडी में एलडीएल कोलेस्ट्रोल के स्तर को कंट्रोल करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
अर्जुन की छाल का किसी भी रूप में सेवन करने से गुड कोलेस्ट्रोल के स्तर में बढ़ोतरी होती है तथा बैड कोलेस्ट्रोल का स्तर कम होता है। जिससे हार्ट और धमनियां स्वस्थ रहती है और दिल के रोगों का खतरा काफी कम होता है।
मधुमेह में अर्जुन छाल के फायदे
अर्जुन की छाल डायबिटीज को नियंत्रित रखने में बहुत ही कारगर औषधि होती है। इसलिए शुगर के रोगियों को इसका सेवन अवश्य करना चाहिए।
इसके लिए अर्जुन की छाल और देसी जामुन को बराबर मात्रा में मिलाकर पीसकर महीन चूर्ण बना लें तथा इस चूर्ण को एक चम्मच की मात्रा में नियमित रात को सोने से पहले गुनगुने पानी के साथ सेवन करना शुगर की बीमारी में फायदेमंद होता है।
मोटापा घटाने में अर्जुन छाल
जिन लोगों का वजन औषत से अधिक है या अत्यधिक मोटापा है उन लोगों के लिए अर्जुन की छाल का काढ़ा बनाकर नियमित सेवन करना काफी फायदेमंद होता है।
नियमित अर्जुन की छाल का काढ़ा पीने से डाइजेशन सिस्टम बेहतर होता है और एक माह में ही शरीर का वजन कम होना यानि Weight loss शुरू हो जाता है और शरीर में जमा अतिरिक्त फैट कम होकर शरीर सूंदर और सुडौल बनने लगता है।
स्तन कैंसर के खतरे से बचाए अर्जुन छाल
अर्जुन के पेड़ में अनेक गुण मौजूद होते हैं उनमें से एक कसुआरिनिन नामक रासायनिक घटक भी मौजूद होता है। यह कैंसर की कोशिकाओं को शरीर में फैलने से रोकता है। मुख्यतः स्तन के कैंसर की कोशिकाओं को पनपने और फैलने से रोकने में अर्जुन की छाल बहुत ही गुणकारी औषधि होती है।
इसके लिए नियमित गर्म दूध में अर्जुन की छाल को पीसकर पाउडर बनाकर आधा चम्मच की मात्रा में सेवन करने से स्तन कैंसर के खतरे से बचने में काफी मदद मिलती है।
अर्जुन की छाल का सेवन कैसे करें – Arjun chhal uses in hindi
इसकी छाल का इस्तेमाल करने के लिए इसका काढ़ा बनाकर भी पीया जा सकता है तथा अर्जुन के पेड़ की सूखी हुई छाल का पाउडर बनाकर इस पाउडर का सेवन दूध या पानी के साथ किया जा सकता है।
इसके अलावा अर्जुन छाल के पाउडर को दूध के साथ उबाल कर भी इसका सेवन किया जा सकता है। अर्जुन छाल से चाय बनाकर पीना भी स्वास्थ्य सम्बंधी समस्याओं को दूर करने में लाभकारी सिद्ध होता है।
अर्जुन की छाल कब लेनी चाहिए – Arjun ki chhal kab pina chahiye
ज्यादातर इसका इस्तेमाल काढ़े के रूप में किया जाता है अर्जुन की छाल का काढ़ा बनाने के लिए 100 ग्राम अर्जुन छाल को 500 मिलीलीटर पानी में तब तक उबालते रहे जब तक 200 मिलीलीटर ना रह जाये, उसके बाद ठंडा होने पर इसको छानकर के रख ले तथा सुबह शाम 10 – 10 मिलीलीटर की मात्रा में नियमित सेवन किया जाना स्वास्थ्य के लिए लाभदायक होता है।
अर्जुन की छाल के नुकसान – Arjun chhal side effects in hindi
इसका सेवन करने से होने वाले फायदों के साथ-साथ अर्जुन की छाल के कुछ साइड इफेक्ट भी हो सकते हैं जैसे
- पेट में ऐंठन मरोड़ के साथ-साथ दर्द महसूस होना
- गैस एसिडिटी या सीने में जलन होना
- अर्जुन की छाल का काढ़ा पीने से किसी किसी को दस्त लग सकते हैं
- कुछ लोगों में जी मिचलाना या उल्टी होना जैसी समस्या भी देखी जाती है
- कुछ लोगों में अर्जुन की छाल का काढ़ा पीने से एलर्जी की समस्या भी हो सकती है इसलिए जिनको इससे एलर्जी है उनको इसके काढ़े का सेवन करने से पहले चिकित्सक से परामर्श अवश्य करना चाहिए।
FAQ : Arjun chhal के बारे में पूछे जाने वाले सवाल
Q1. अर्जुन की छाल कितने दिन में फायदा करती है?
अगर एक माह तक लगातार अर्जुन की छाल के काढ़े का सेवन किया जाए तो शरीर में इसका प्रभाव दिखने लगता है।
Q2. अर्जुन की छाल का काढ़ा कब पीना चाहिए?
इसका काढ़ा 10 से 20 मिलीलीटर की मात्रा में नियमित सुबह शाम पीना स्वास्थ्य के लिए लाभदायक होता है। अर्जुन की छाल का काढ़ा सुबह खाली पेट या सुबह नास्ता करने के एक डेढ़ घंटे बाद में पीया जा सकता है।
निष्कर्ष – Conclusion
आज इस लेख में हमनें विस्तार से चर्चा की कि अर्जुन छाल क्या है इसमें पाए जाने वाले पोषक तत्व, औषधीय गुण और Arjun chhal ke fayde क्या है तथा इसका उपयोग करने से किन किन स्वास्थ्य सम्बंधी समस्याओं से राहत मिलती है और अर्जुन छाल का सेवन कब और कैसे किया जाता है। अर्जुन छाल के इस्तेमाल से होने वाले साइड इफेक्ट्स क्या है।
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