जानिए सहजन का सेवन करने से होने वाले स्वास्थ्य लाभ और इसके कुछ नुकसान
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Sharwan Bishnoi
सहजन का पूरा वृक्ष औषधीय गुणों से भरपूर होता है आयुर्वेद में सहजन को अमृत माना गया है
सहजन के सभी हिस्सों में अनेक रोगों से मुक्ति दिलाने के गुण होते हैं। सहजन का प्रयोग आयुर्वेदिक दवाओं में प्रचुर मात्रा में किया जाता है।
सहजन के सभी हिस्सों में अनेक रोगों से मुक्ति दिलाने के गुण होते हैं। सहजन का प्रयोग आयुर्वेदिक दवाओं में प्रचुर मात्रा में किया जाता है।
भारतीय खानपान में हरी पत्तेदार सब्जियों को उनके रंग, स्वाद व चिकित्सीय गुणों के कारण बहुत महत्व दिया जाता रहा है
पिछले कुछ वर्षों में इनका औसत सेवन 23 ग्राम प्रतिदिन से घटकर 15 ग्राम प्रतिदिन रह गया है।
सूक्ष्म पोषक तत्व जैसे कैल्शियम और आयरन की कमी से बचने के लिए वैकल्पिक स्रोत है सहजन, जिसे राजस्थान में लाल सहिंडड़ो कहा जाता है।
इसकी पत्तियों में प्रोटीन, विटामिन बी6, विटामिन सी, विटामिन ए, विटामिन ई, आयरन, पोटेशियम, जिंक जैसे तत्व पाए जाते हैं।
इसमें गाजर से 10 गुना अधिक Beta-Carotene होता है जो कि आंखों, स्किन और रोग प्रतिरोधक क्षमता के लिए बहुत लाभदायक होता है।
इसमें गाजर से 10 गुना अधिक Beta-Carotene होता है जो कि आंखों, स्किन और रोग प्रतिरोधक क्षमता के लिए बहुत लाभदायक होता है।
मोरिंगा (सहजन) की सूखी पत्तियों के 100 ग्राम पाउडर में दूध से 17 गुना अधिक कैल्शियम और पालक से 20 गुना अधिक आयरन होता है
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