इस समय आयुर्वेदिक औषधिय फसलों की मांग भी काफी बढ़ने लगी है इसे देखते हुए किसानों ने भी परंपरागत खेती को छोड़कर अब औषधीय फसलों की खेती की तरफ ध्यान देना शुरू कर दिया है
Sharwan Bishnoi
आजकल औषधीय फसलों की बढ़ती हुई मांग और अच्छे मुनाफे से किसानों की रूचि में इजाफा हुआ है।
Nirogihealth.com
पिछले कुछ वर्षों से आयुर्वेदिक के बढ़ते हुए महत्व को देखते हुए औषधीय पौधों की मांग लगातार बढ़ रही है।
इन पौधों की पत्तियां, छाल, फूल, जड़, कंद, लकड़ी, गोंद आदि का प्रयोग विभिन्न प्रकार की आयुर्वेदिक औषधियों के निर्माण में होता है।
आजकल किसान भाई इनमें मुख्य रूप से आंवला, एलोवेरा, अश्वगंधा जैसी फसलों से आमदनी बढ़ा सकते है
Nirogihealth.com
अशोक, अतिस, बेल, भू आमलकी, ब्राह्मी, चिरायता,जैसी फसलें भी आजकल मुनाफे का सौदा है
गिलोय, गुड़मार, गूगल, ग्वारपाठा, इसबगोल, कलिहारी, कालमेघ जैसी औषधीय फसलों की मांग भी अच्छी है
कटुका, मकोय, मुलेठी, सफेद मूसली, पत्थर चूर, पीपली, सर्पगंधा, सताय भी आय वृद्धि कर सकती है
शतावरी, तुलसी, वायविडंग, वत्सनाभ, सदाबहार, रतनजोत, लेमनग्रास, निर्गुंडी, मेहंदी, चित्रक सफेद आदि की भी खेती की जा सकती है
Nirogihealth.com
शिकाकाई, मालकांगनी, हड़जोड़, दमाबेल, चंद्रचूर से भी आमदनी बढ़ा सकते है
अमलतास, अर्जुन, व अरीठा आदि की खेती करके अच्छा उत्पादन और आमदनी प्राप्त की जा सकती है।
इन सभी के आलावा और भी बहुत सी औषधीय फसले है जो आय बढ़ा सकती है
किसानों को ऐसी औषधीय फसलों की खेती जरूर करनी चाहिए
किसान हमारे देश के अन्न दाता है इसलिए किसानो के बारे में सोचना और किसानो की आय में वृद्धि करना बहुत आवश्यक है
ऐसी ही हेल्थ और ब्यूटी टिप्स के बारे में जानने के लिए विजिट करें -