Punarnava ke fayde – पुनर्नवा के औषधीय गुण – Punarnava benefits in hindi
पुनर्नवा या Punarnava ka paudha औषधीय गुणों का खजाना होता है। पुनर्नवा का सेवन बहुत सी बीमारियों से बचने के साथ-साथ शरीर को स्वस्थ रखने के लिए भी किया जाता है। शरीर में जरूरी पोषक तत्वों की पूर्ति करने और शरीर को नया जीवन देने में Punarnava बहुत ही कारगर औषधि है। इसलिए सेहत के लिए Punarnava ke fayde अनगिनत होते है।
निरोगी हेल्थ के इस आर्टिकल में पुनर्नवा क्या है, Punarnava ke fayde पुनर्नवा का उपयोग, पुनर्नवा के औषधीय गुण और पुनर्नवा उपयोग करने तरीके क्या है आइये विस्तार से जानते है Punarnava ke fayde और इसका सेवन किन रोगो में किया जाता है।
आजकल आयुर्वेद के जानकार कम होने और एलोपैथी दवाओं का प्रयोग ज्यादा बढ़ने व प्रचार ज्यादा होने के कारण लोगों का आयुर्वेद की तरफ ज्यादा ध्यान नहीं जाता है। आयुर्वेद के जानकार निरोगी, दीर्धायु और उत्तम स्वास्थ्य के लिए इसका सेवन करने की सलाह देते हैं। पुनर्नवा केवल रोग निवारक औषधी ही नही है अपितु Punarnava एक शक्तिदायक रसायन भी है।
यह बाग बगीचों, खेत खलिहानो और जंगली क्षेत्रों व मैदानी भागों में जमीन पर फैला हुआ होता है। आयुर्वेद की दृष्टि से शरीर को दोबारा से नवीन कर देने के कारण ही इसे पुनर्नवा का नाम दिया गया है।
इसकी मुख्यतः तीन प्रजातियां पाई जाती है। गॉवों में अक्सर इसकी साग सब्जी बनाकर भी इसे खाया जाता रहा है।
Table of Contents
- 1 Punarnava ke fayde / पुनर्नवा के फायदे और उपयोग
- 1.1 पुनर्नवा क्या है : what is Punarnava in hindi
- 1.2 पुनर्नवा के औषधीय गुण और फायदे (Health benefits of Punarnava in hindi)
- 1.2.1 पीलिया रोग में पुनर्नवा के फायदे
- 1.2.2 मधुमेह रोग में पुनर्नवा के फायदे
- 1.2.3 युवा बनाने में पुनर्नवा के फायदे
- 1.2.4 मोटापा कम करने में पुनर्नवा के फायदे – Punarnava benefits for weight loss
- 1.2.5 तनाव दूर करने में पुनर्नवा के फायदे
- 1.2.6 लिवर के रोग में पुनर्नवा के फायदे – Punarnava benefits for liver
- 1.2.7 अस्थमा रोग में पुनर्नवा के फायदे
- 1.2.8 कैसर रोग में पुनर्नवा के फायदे
- 1.2.9 आंखों के लिए पुनर्नवा के फायदे – Punarnava benefits for eyes
- 1.2.10 गुर्दे के लिए पुनर्नवा के फायदे
- 1.3 पुनर्नवा चूर्ण के फायदे – Punarnava powder benefits in hindi
- 1.4 पुनर्नवा के अन्य उपयोग (Punarnava health benefits in hindi)
- 1.5 पुनर्नवा के नुकसान (Side effects of Punarnava in hindi)
- 1.6 FAQ : पुनर्नवा को लेकर पूछे जाने वाले सवाल जवाब
- 1.7 Q1. पुनर्नवा का उपयोग कैसे करें?
- 1.8 Q2. पुनर्नवा की पहचान कैसे करें ?
- 1.9 Q3. क्या पुनर्नवा वीर्य वर्धक होता है ?
यह एक प्रकार का पौधा होता है आयुर्वेद के अनुसार पुनर्नवा को शरीर को पुनः नया और ऊर्जावान बनाने वाली एक औषधि माना गया है। इसके तने जामुनी रंग के होते हैं इसकी पत्तियां हरे रंग की होती है।
पुनर्नवा के पौधे पर अलग-अलग रंग के फूल आते हैं जैसे सफेद, लाल और हल्के गुलाबी। यह बारिश के मौसम में खिलता है इसका प्रयोग अनेक प्रकार से औषधि के रूप में किया जाता है।
यह तीनों दोष वात, पित्त और कफ से संबंधित होने वाली सभी समस्याओं में पुनर्नवा लाभदायक (Punarnava benefits) होता है। इस की ताजी जड़ का दो चम्मच की मात्रा में रस निकालकर नियमित कुछ माह तक सेवन करने से वृद्ध व्यक्ति भी अपने को युवा महसूस करने लगता है।
साथ ही इसके नियमित सेवन से शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता भी बढ़ा सकते हैं और लिवर व किडनी को भी सुरक्षित रखने में यह मददगार होता है।
आयुर्वेद में प्राचीन काल से ही इसका उपयोग मानव जीवन को बचाने में किया जाता रहा है। दवा बनाने वाली बहुत सी नामी कंपनियां इस वन औषधि का प्रयोग अनेक रोगों की दवा बनाने में करती है।
अगर जीवन भर स्वस्थ रहना चाहते है तो पुनर्नवा का सेवन करना काफी फायदेमंद माना जाता है। जानिए Punarnava का उपयोग किन किन बिमारियों से बचाने में मददगार होता है और स्वास्थ्य के लिए Punarnava ke fayde क्या है।
पीलिया रोग में पुनर्नवा के फायदे
पुनर्नवा पीलिया के रोग में काफी लाभ पहुंचाता है। पीलिया के कारण शरीर में आई कमजोरी दूर करके बुखार में भी राहत दिलाता है। पुनर्नवा के पंचाग (जड़, छाल, पत्तियां, फूल और बीज) के चूर्ण को शहद या मिश्री के साथ मिलाकर सेवन करने से इस रोग में लाभ मिलता है और पीलिया रोग में इसका काढ़ा बनाकर भी सेवन किया जाता है।
इस पूरे पौधे का रस निकालकर उसमें हरड़ मिलाकर सेवन करने से पीलिया से छुटकारा मिलने के साथ-साथ शरीर में ताकत भी आती है। इसके अलावा इसकी 3 ग्राम जड़ और 3 ग्राम सहजन की छाल को मिलाकर पानी मे उबालकर काढ़ा बनाकर पीने से भी पीलिया रोग से छुटकारा मिलता है।
मधुमेह रोग में पुनर्नवा के फायदे
पुनर्नवा के नियमित इस्तेमाल करने से रक्त में ग्लूकोज का स्तर नियंत्रित रहता है क्योंकि इसमें पाए जाने वाली एंटी डायबिटिक (Anti-diabetic) गतिविधि के कारण शुगर से बचने या शुगर के रोगियों के लिए यह एक कारगर औषधि की तरह काम करता है।
इसलिए मधुमेह के रोगी को इसके पंचांग का नियमित सेवन करना लाभदायक होता है।
युवा बनाने में पुनर्नवा के फायदे
आयुर्वेद के अनुसार पुनर्नवा के पौधे में यह क्षमता है कि इसके नियमित सेवन से व्यक्ति अपने आपको पुनः जवान बना सकता है इससे खोई हुई ताकत को दोबारा हासिल की जा सकती है।
इसके लिए पुनर्नवा की ताजी जड़ का दो चम्मच की मात्रा में रस निकालकर नियमित 2 से 3 माह तक सेवन करने से एक वृद्ध व्यक्ति भी अपने आप को युवा महसूस करने लगता है।
इसके सेवन से शारीरिक शक्ति में बहुत वृद्धि होती है अगर ताजा ना मिले तो इसकी सुखी जड़ के चूर्ण का भी इस्तेमाल किया जा सकता है।
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वैसे तो मोटापा कोई बीमारी नहीं है लेकिन यह अन्य रोगों को उत्पन्न करने का कारण अवश्य बनता है। पुनर्नवा का उपयोग मोटापा घटाने वाली सभी प्रकार की आयुर्वेदिक दवाओं में किया जाता है।
यह जड़ी-बूटी वजन घटाने की बहुत ही कारगर औषधि होती है यह शरीर से सभी प्रकार के विषाक्त पदार्थों को निकालने में मददगार होती है।
इसके पंचाग के पाउडर को एक से दो चम्मच की मात्रा में गुनगुने पानी से लेने से वजन कम करने में मदद मिलती है। इसके अलावा इसका काढ़ा बनाकर उसमें शहद और नींबू मिलाकर पीने से भी राहत मिलती है।
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तनाव दूर करने में पुनर्नवा के फायदे
डिप्रेशन की समस्या को काफी हद तक कम करने में पुनर्नवा मददगार हो सकता है। क्योंकि Punarnava की जड़ में एंटीस्ट्रेस और एंटीडिप्रेसेंट गतिविधि पाई जाती है जो तनाव, अवसाद, डिप्रेशन, अनिद्रा जैसी समस्याओं से छुटकारा दिलाकर मूड को तरोताजा और अच्छा बनाती है।
इसलिए इसकी जड़ का चूर्ण बनाकर उसमें स्वाद के लिए मिश्री मिलाकर इसका नियमित सेवन करना तनाव से राहत दिलाने में उपयोगी होता है।
पुनर्नवा का नियमित सेवन करने से लिवर की समस्याओं से बचा जा सकता है। इसके ताजे पूरे पौधे का ज्यूस निकालकर इसमें शहद और नींबू मिलाकर सेवन करने से हैपेटाइटिस A B, C और E के प्रभाव के कारण होने वाली लिवर की सूजन में राहत मिलती है।
इसके अलावा जब ताजा ना मिले तो इसके पंचाग का काढ़ा बनाकर भी पिया जा सकता है इससे लिवर की सफाई के साथ साथ कार्यक्षमता भी बढ़ती है और इससे ब्लड भी शुद्ध होता है।
अस्थमा रोग में पुनर्नवा के फायदे
पुनर्नवा अस्थमा रोग से छुटकारा दिलाने में लाभदायक होता है। Punarnava की जड़ का चूर्ण बनाकर इसमें हल्दी मिलाकर नियमित सुबह-शाम गुनगुने पानी के साथ सेवन करने से लाभ मिलता है। इसकी सूखी पत्तियों के चूर्ण का उपयोग ब्रोकियल अस्थमा के इलाज में किया जाता है।
इसके लिए पत्तियों के चूर्ण में अदरक और काली मिर्च मिलाकर काढ़ा बनाकर नियमित पीने से अस्थमा से छुटकारा मिलता है।
कैसर रोग में पुनर्नवा के फायदे
आजकल कैंसर एक बहुत ही खतरनाक बीमारी का रूप लेती जा रही है। आयुर्वेद में पुनर्नवा को कैंसर जैसी गंभीर बीमारी के इलाज के लिए उत्तम जड़ी बूटियों में से एक माना जाता है।
यह रोग प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत करने के साथ-साथ मेलेनोमा कोशिकाओं की मेटास्टैटिक प्रगति को रोकती है। इसलिए पुनर्नवा के पूरे पौधे का उपयोग कैंसर के इलाज के लिए लाभकारी माना जाता है।
आंखों में इसके जड़ को घिसकर पारंगत वैध के निर्देशन में लगाने से आंखों की जलन, खुजली, सूजन, लालिमा जैसी समस्या दूर होती है।
इसके अलावा मोतियाबिंद में Punarnava की जड़ का रस निकालकर पीना लाभकारी होता है तिमिर रोग में इसकी जड़ को पानी में घिसकर आंखों में लगाने से भी लाभ मिलता है और आंखों की रोशनी भी तेज होती है और आँखे स्वस्थ रहती है। \
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गुर्दे के लिए पुनर्नवा के फायदे
Punarnava का उपयोग गुर्दे को साफ करने व नवजीवन देने में किया जाता है। इसके पंचाग का काढ़ा गुर्दे के लिए रामबाण साबित होता है। गुर्दे का संक्रमण दूर करने में यह बहुत ही लाभदायक औषधि की तरह काम करता है।
इसलिए गुर्दे की किसी भी प्रकार की समस्या होने पर Punarnava के पंचांग के काढ़े का सेवन चिकित्सक या वैद्य की देखरेख में करना लाभदायक होता है।
पुनर्नवा पाउडर का इस्तेमाल स्वास्थ्य के लिए बेहद गुणकारी माना जाता है रोजाना एक गिलास दूध के साथ 5 ग्राम की मात्रा में पुनर्नवा चूर्ण का सेवन लगातार छः माह तक करने से शरीर में बल की वृद्धि होती है तथा शरीर का वजन कंट्रोल रहने के साथ साथ शरीर सुडौल बनता है।
इसके अलावा यह दिल के रोग, लिवर व किडनी रोग, यूरिन इंफेक्शन के खतरों को कम करने और ब्लड प्रेशर नियंत्रित रखने में फायदेमंद साबित होता है। How to use Punarnava powder यानि इसका सेवन करने के लिए Punarnava powder या चूर्ण का सेवन दूध के साथ साथ पानी में मिलाकर में किया जा सकता है। लेकिन एक चीज का विशेष ध्यान रखें इसका सेवन कभी भी खाली पेट नहीं करना चाहिए।
इसका नियमित सेवन करने से होने वाले Punarnava ke fayde अनगिनत होते है इसलिए ऊपर बताये गए स्वास्थ्य लाभ के साथ साथ और भी फायदे होते है जैसे
- यह कुष्ठ रोग, हृदय रोग, प्रमेह, प्रदर आदि रोगों में भी पुनर्नवा असर दायक औषधि होती है।
- इसकी जड़ों से बना चूर्ण प्रोस्टेट ग्रंथि की समस्या से छुटकारा दिलाने में लाभदायक होता है।
- इसके काढ़े का नियमित सेवन करने से अनिद्रा की समस्या में राहत मिलती है।
- इसकी जड़ को तेल में उबालकर त्वचा पर लगाने से त्वचा रोगों में लाभ मिलता है।
- खूनी बवासीर में भी इसकी जड़ के काढ़े में हल्दी मिलाकर पीने से राहत मिलती है।
- पुनर्नवा यूरिन इंफेक्शन को दूर करने में भी कारगर सिद्ध हुआ है।
- शरीर में किसी भी प्रकार की कमजोरी दूर करने के लिए पुनर्नवा बहुत ही गुणकारी औषधि है। यह एक बलवर्धक रसायन होता है। वयस्कों, बूढ़ों और महिलाओं के लिए यह एक टॉनिक होता है।
पुनर्नवा के फायदों (Punarnava benefits) के साथ साथ इसके कुछ नुकसान भी होते है जैसे
- गर्भवती व स्तनपान कराने वाली महिलाओं को इसका प्रयोग करने से बचना चाहिए क्योंकि यह मूत्र वर्धक होता है।
- उच्च रक्तचाप और गुर्दे के रोगी को इसका प्रयोग सावधानी पूर्वक करना चाहिए।
- पुनर्नवा का सेवन खाली पेट नहीं करना चाहिए और ना ही पानी या दूध वगैरा के बिना करना चाहिए।
- 12 वर्ष से कम उम्र के बच्चों को इसका प्रयोग करने से बचना चाहिए क्योंकि इसमें आयरन अधिक मात्रा में पाया जाता है। इसलिए बच्चों में यह पेट दर्द या दस्त की समस्या पैदा कर सकता है।
सावधानी
पुनर्नवा के उपयोग करने से Punarnava ke fayde aur nuksan के साथ साथ कुछ सावधानियां भी रखनी जरुरी होती है।
इसका प्रयोग औषधि के रूप में निश्चित मात्रा में ही करें साथ ही उच्च रक्तचाप के गंभीर रोगी और गर्भवती महिलाओं को इसका सेवन चिकित्सक या योग्य वैध की सलाह पर ही करना चाहिए।
FAQ : पुनर्नवा को लेकर पूछे जाने वाले सवाल जवाब
Q1. पुनर्नवा का उपयोग कैसे करें?
Ans इस वनस्पति का उपयोग करने के लिए इसके पंचांग, जड़, छाल, पत्ती, फूल और बीज का ही उपयोग औषधी के रूप में किया जाता है। इसके पंचाग को शहद या मिश्री मिलाकर दूध के साथ सेवन करना लाभकारी होता है।
Q2. पुनर्नवा की पहचान कैसे करें ?
Ans ~ इसकी पहचान के लिए यह वर्षा ऋतु में बहुतायत पाया जाता है इसके तने का रंग जामुनी या गुलाबी होता है इसके पत्ते छोटे या बड़े दोनों तरह के होते हैं इसके फूल सफेद लाल या गुलाबी रंग के हो सकते हैं यह ज्यादातर धरती पर फैला हुआ ही होता है।
Q3. क्या पुनर्नवा वीर्य वर्धक होता है ?
Ans ~ वीर्य वर्द्धि के लिए पुनर्नवा की जड़ों का काढ़ा बनाकर इसमें अश्वगंधा चूर्ण मिलाकर इसकी एक ग्राम की मात्रा में गोलियां बनाकर रख लेवें एक एक गोली सुबह शाम खाकर ऊपर से मीठा दूध पीने से वीर्य दोष दूर होता है।
निष्कर्ष
इस आर्टिकल में हमने जाना Punarnava पुनर्नवा क्या है, इसके औषद्यीय गुण व Punarnava ke fayde तथा पुनर्नवा का सेवन किन किन बीमारियों से बचने के लिए किया जा सकता है साथ ही पुनर्नवा के फायदे के साथ साथ इसके नुकसान क्या है। इस लेख के बारे में आपके कोई भी सुझाव या सवाल हो तो आप हमें कमेंट बॉक्स में पूछ सकते है।
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