Monkeypox virus क्या है इसके लक्षण और मंकीपॉक्स कैसे फैलता है

मंकीपॉक्स क्यों है इतना खतरनाक जानें Monkey pox कैसे फैलता है Monkeypox in hindi

मंकीपॉक्स वायरस एक प्रकार का संक्रामक रोग है। इस वायरस (Monkeypox virus) से संक्रमित व्यक्ति के छींकने, खांसने, यूरिन व मल तथा छूने से या संक्रमित व्यक्ति की किसी वस्तु के संपर्क में आने से Monkeypox virus एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में फैल सकता है। विषेशज्ञों या डॉक्टर्स के अनुसार Monkeypox virus को लेकर विशेष सावधानी रखने की आवश्यकता है।

इस बीमारी से संक्रमित व्यक्ति के ब्लड डोनेट करने के दौरान भी यह रोग फैल सकता है। इस बीमारी मंकीपॉक्स के बारे में उचित जानकारी व समय पर सही इलाज ना मिलने के कारण यह जानलेवा भी हो सकता है। जानें विश्व में तेजी से फैल रहा मंकीपॉक्स वायरस क्या है Monkeypox virus information in hindi

कोरोनावायरस अभी तक ठीक से खत्म भी नहीं हुआ था और नए वायरस Monkeypox ने दस्तक देना शुरू कर दी है। साथ ही ब्लैक फंगस के लक्षण (Black fungus symptoms) भी कुछ लोगो में सामने आ रहें है। किसी भी प्रकार के वायरस से बचने के लिए सावधानी रखना आवश्यक होता है और सावधानी रखने से पहले वायरस के बारे में संपूर्ण जानकारी होना भी जरूरी है।

इस नये वायरस Monkeypox virus के कारण शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता (Immune system) कमजोर होने लगती है और बॉडी का टेंपरेचर बढ़ने लगता है तथा शरीर में अनेक प्रकार के केमिकल्स रिलीज होने के कारण मसल्स में दर्द होने लगता है।

मंकीपॉक्स क्या है : Monkeypox kya hai

सबसे पहले इस वायरस के बारे में जानकारी के लिए 1958 में बंदरों में की गई खोज के बाद इसका नाम मंकीपॉक्स रखा गया था। इस वायरस के सबसे पहले बंदरों से फैलने के कारण ही इसका यह नाम रखा गया था। मंकीपॉक्स रोग वायरस के पॉक्सविरिडी परिवार (Poxviridae family) से सम्बंध रखता है। विशेषज्ञों के अनुसार मंकीपॉक्स से संक्रमित पहला मरीज 1970 में पाया गया था।

मंकीपॉक्स का वायरस चेचक की तरह फैलता है। यह रोग जानवरों से मनुष्य में तथा उसके बाद संक्रमित व्यक्ति से दूसरे लोगों में फैलता रहता है और खतरनाक रूप धारण कर लेता है। Monkey pox  वायरस से संक्रमित व्यक्ति में फ्लू जैसे लक्षण दिखाई देते हैं। इसमें एक दो तीन बुखार आने के बाद चेहरे व शरीर पर छोटे छोटे दाने उभरने लगते हैं।

मंकीपॉक्स वायरस के लक्षण (Monkeypox symptoms in hindi)

इस वायरस मंकीपॉक्स के शुरुआती लक्षणों में तेज बुखार, सिर में दर्द, बदन दर्द और थकान व शारीरिक कमजोरी महसूस होना है और एक-दो दिन के बाद शरीर पर छोटे दाने बनने लगते हैं।

मंकीपॉक्स वायरस से संक्रमित व्यक्ति के शरीर पर दानों के बाद चकते बनने लगते हैं और यह चकत्ते बढ़ने के साथ साथ उभरते हुए इनमें मवाद भरकर घाव में बदलने लगते हैं और इनमें दर्द भी अधिक होता है। इसके अलावा इस रोग के शरीर में अनेक लक्षण दिखने लगते हैं जैसे

  • स्किन पर उभरे हुए चकत्ते होना
  • बार-बार तेज बुखार आना और ठंड लगना
  • सिर में तेज दर्द होना
  • शरीर में कमजोरी महसूस होना व सूजन आना
  • जोड़ों में सूजन व दर्द होना
  • मांसपेशियों में दर्द के साथ साथ थकान होना

मंकीपॉक्स कैसे फैलता है (Monkeypox kaise failta hai)

यह वायरस मुख्यतः जानवरों से इंसानों में फैलने वाला वायरस है तथा एक बार किसी व्यक्ति के मंकीपॉक्स से संक्रमित होने के बाद यह संक्रमित व्यक्ति से दूसरे लोगों में भी फैलने लगता है। यह और भी कई प्रकार से फैलता है जैसे

  • इस वायरस से संक्रमित किसी जानवर या व्यक्ति से दूषित सामग्री या निकट संपर्क के माध्यम से मंकीपॉक्स इंसानों में फैलता है।
  • विशेषज्ञ या डॉक्टरों का मानना है कि यह बंदरों, चूहों, गिलहरियों जैसे जानवरों से अधिक फैलता है।
  • मंकीपॉक्स से संक्रमित व्यक्तियों व जानवरों के शरीर से निकले फ्लूड के संपर्क में आने वाले लोगों में तेजी से फैल रहा है।
  • जानवरों का मांस खाने वाले व्यक्तियों में मंकीपॉक्स के फैलने की संभावना अधिक मानी जाती है।
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मंकीपॉक्स को लेकर सावधानी (Monkeypox precaution in hindi)

मंकीपॉक्स वायरस का अभी तक कोई सुरक्षित व प्रमाणित इलाज नहीं है। इस रोग का उचित इलाज करने या इसे नियंत्रित करने के लिए शोध चल रहा है। विशेषज्ञों का मानना है कि चेचक के टीके से मंकीपॉक्स के प्रसार को रोकने में मदद मिल सकती है।

इस समय यह मंकीपॉक्स वायरस पूरी दुनिया के लिए चिंता का विषय बना हुआ है। भारत में भी इसको लेकर सावधानी बरती जा रही है साथ ही विदेश से आने वाले नागरिकों की निगरानी भी की जा रही है। वैसे तो यह नया वायरस नहीं है क्योंकि Monkeypox virus को चेचक वायरस के परिवार का ही सदस्य माना जाता है।

मंकीपॉक्स को लेकर हेल्थ विशेषज्ञों का तर्क है की यह आम लोगों में आसानी से नहीं फैलता है इसलिए फिलहाल आम लोगों को इससे घबराने की अधिक आवश्यकता नहीं है।

अभी तक की गई रिसर्च के अनुसार स्मॉलपॉक्स के लिए प्रयोग की जाने वाली वैक्सीन मंकीपॉक्स में भी 85 प्रतिशत तक कारगर साबित हुई है।

अमेरिका फ़ूड एंड ड्रग्स एसोसिएशन द्वारा 2019 में एक jynneos vaccine को मंजूरी प्रदान की थी यह वैक्सीन मंकिपॉक्स व चेचक दोनों में प्रयोग की जा सकती है।

FAQ

Q 1. मंकीपॉक्स का खतरा किस उम्र में अधिक होता है?

Ans  अधिकतर मामलों में Monkeypox virus के मामले 45 वर्ष से ज्यादा उम्र के लोगों में अधिक सामने आ रहे हैं 45 साल से कम उम्र के वही लोग इस बीमारी की चपेट में आ रहे हैं  जिन्होंने चेचक का इंजेक्शन अभी तक नहीं लगवाया है।

Q 2. मंकीपॉक्स से बचने के उपाय क्या है?

Ans  इस वायरस के खतरे से बचने के लिए थ्री लेयर मास्क का प्रयोग, साबुन के पानी से हाथ धोना, एक प्रतिशत सोडियम हाइपोक्लोराइट का प्रयोग कर कीटाणुशोधन कपड़े व आस पास की सफाई का विशेष ध्यान रखना जरूरी होता है।

निष्कर्ष (Conclusion)

इस लेख में लिखी गई सामग्री सामान्य जानकारी हेतु है। यह किसी भी योग्य चिकित्सकीय राय का विकल्प नहीं है इसलिए इस Monkeypox virus के बारे में अधिक जानकारी के लिए विशेषज्ञ चिकित्सक से परामर्श करना चाहिए।

यह आर्टिकल Monkeypox virus क्या है, इसके लक्षण और मंकीपॉक्स कैसे फैलता है आपको कैसा लगा तथा इसके बारे में आपके कोई भी सुझाव या सवाल हो तो कमेंट में जरूर लिखें तथा लेख को शेयर अवश्य करें।

-: लेख को अंत तक पढ़ने के लिए धन्यवाद :-

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