कनेर के फायदे, औषधीय गुण और इसका उपयोग : Kaner health benefits in hindi
इस लेख आप सभी का स्वागत है इसमें हम जानेंगे Kaner kya hai कनेर के औषधीय गुण Kaner ke fayde और उपयोग तथा कनेर का प्रयोग किन किन रोगों से बचाने में फायदेमंद (kaner benefits) होता है तथा कनेर का प्रयोग करने के तरीके और इस्तेमाल के दौरान रखी जाने वाली सावधानियां कौन कौन सी है।
कनेर एक बहुत ही उपयोगी और औषधीय गुणों से भरपूर पौधा होता है। वैसे तो यह विषैला होता है तथा इसकी जड़ व छाल का प्रयोग अनेक प्रकार से औषधि के रूप में किया जाता है। कनेर में अलग अलग रंगों के फूल आते हैं लेकिन इसके पीले रंग के फूल (Kaner ke phool) अधिक गुणकारी माने जाते है।
कनेर के नाम – Names of kaner
कनेर एपोसाइनेसी प्रजाति का पौधा होता है। इसका वानस्पतिक नाम निरियम इंडिकम होता है। कनेर को इंग्लिश में ओलिएण्डर (Oleander Plant) तथा हिंदी में कनेर, बंगाली में कैरावी, पंजाबी में कनेर या कैनिरा, मराठी में कनेरी, गुजराती में कनेरा, तमिल में अलारी, तेलुगु में गिनेरू, कन्नड़ में कैनागैली, मलयालम में ऐलोरी, संस्कृत में कैरा किरा तथा फारसी में खैर-जहराड़ कहते हैं।
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इस (Kaner) को अलग अलग जगह के अनुसार भिन्न भिन्न नामों से जाना जाता है। यह एक हमेशा हरा भरा रहने वाला पौधा होता है जो लगभग पूरे भारत में पाया जाता है।
कनेर का धार्मिक उपयोग – Kaner ka mahatva
यह धार्मिक दृष्टि से बहुत महत्वपूर्ण पौधा होता है। हिंदू इसे बहुत ही पवित्र पौधा मानते हैं। इसके फूल शिवलिंग पर चढ़ाए जाते हैं। इसकी पत्तियों को एक सीधी रेखा में मौली या धागे में पीरोकर मंगल कार्यों में प्रतीक के रूप में घरों के दरवाजों पर बांधा जाता है। धार्मिक मान्यता है कि इसको मुख्य द्वार पर बांधने से ही नेगेटिव एनर्जी घर में प्रवेश नहीं कर पाती है।
कनेर के औषधीय उपयोग और फायदे / Kaner ke fayde our aushadhiya gun
दांत व जाड़ दर्द में कनेर के फायदे
कनेर की टहनियों की दांतुन करने से दांत व दाढ़ के दर्द से तुरंत राहत मिलती है तथा इसकी दांतुन का नियमित प्रयोग करने से दांतों के रोगों से छुटकारा मिलता है। Kaner की दांतुन लगातार कुछ दिन करते रहने से मसूड़ो से आने वाले खून की समस्या से राहत मिलने के साथ साथ मसूड़े व दांत मजबूत भी होते हैं।
बालों के लिए कनेर के फायदे
कनेर की पत्तियां बालों के लिए बहुत फायदेमंद होती है। यह बालों को झड़ने से रोकने के साथ साथ नये बाल उगाने में भी लाभकारी होती है। इसके साथ ही कनेर के फूलों को पानी मे उबालकर छानकर ठंडा होने के पश्चात इससे बालों को धोने से बालों का झड़ना, रूसी, डेंड्रफ आदि की समस्या से छुटकारा मिलता है। यह प्रयोग सप्ताह में दो बार किया जा सकता है।
फोड़े–फुन्सी में कनेर के फायदे
शरीर मे कहीं भी घाव, जख्म, फोड़े फुन्सी, दाद खाज, खुजली आदि होने पर कनेर के फूलों को पीसकर दिन में दो तीन बार लेप लगाने से फायदा होता है। गर्मियों के मौसम में शरीर पर निकलने वाली पित्त की समस्या से छुटकारा पाने के लिए भी कनेर के फूलों से बनाकर किया गया लेप लाभकारी होता है।
दाद या चंबल में कनेर के फायदे
कनेर की जड़ को पीसकर इसमें नारियल का तेल और सिरका यानि Apple cider vinegar मिलाकर अच्छे से घुटाई करके पेस्ट बनाकर दाद या चंबल वाली जगह पर नियमित लेप करने से दाद व चंबल ठीक होती है। तथा इसका लेप कुछ दिन लगातार करते रहने से स्किन पर पड़ने वाले दागो से भी छुटकारा मिल जाता है।
जोड़ दर्द में कनेर के फायदे
जोडों में दर्द व सूजन की समस्या से छुटकारा पाने के लिए लाल रंग के फूलों वाले कनेर की पत्तियों (Kaner leaves) को पीसकर नारियल तेल मिलाकर पेस्ट बनाकर दर्द या सूजन वाली जगह पर सुबह शाम लेप करने से सूजन व दर्द में आराम मिलता है।
बवासीर में कनेर के फायदे
बवासीर रोग में भी कनेर फायदेमंद होता है। इसके लिए नीम तथा कनेर के ताजे पत्तों को कूटकर पेस्ट बनाकर बवासीर के मस्सों पर दिन में दो बार इसका लेप करने से फायदा होता है। इसके अलावा कनेर की जड़ (Kaner ki jhad) को पानी में उबालकर छानकर ठंडा होने के बाद इस पानी से गुद्दा मार्ग से बाहर निकले मस्सों को धोने से बवासीर रोग से छुटकारा मिलता है।
स्किन के लिए कनेर के फायदे
चेहरे पर होने वाले दाग धब्बे, पिम्पल्स, ब्लैकहेड्स जैसी समस्याओं से राहत दिलाने में कनेर के फूल (Kaner flower) सहायक होते हैं। इसके लिए कनेर के ताजे फूलों से पेस्ट बनाकर इसका लेप चेहरे पर लगाने से चेहरा साफ होता है। तथा चेहरे से ब्लैकहेड्स, दाग धब्बों, मुहांसों जैसी समस्याओं से छुटकारा मिलता है।
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कनेर के अन्य फायदे – Benefits of kaner in hindi
ऊपर बताए गए कनेर के फायदों के अलावा Kaner के और भी बहुत से प्रयोग तथा स्वास्थ्य लाभ होते हैं। इसका प्रयोग अलग-अलग तरीकों से विभिन्न प्रकार के रोगों में किया जा सकता है।
- कनेर की जड़ की छाल से एक तेल निकाला जाता है। यह तेल कुष्ट एवं स्किन संबंधी रोगों में लाभदायक होता है।
- इसकी पत्तियों का ताजा रस आंखों के रोगों में तथा आंखों की सूजन को कम करने में उपयोगी माना जाता है।
- कनेर की जड़ तथा जड़ की छाल का उपयोग ह्रदय के रोगों में फायदेमंद होता है।
- यूरिन इन्फेक्शन तथा मूत्र व जनेन्द्रिय रोगों से छुटकारा दिलाने में कनेर की जड़ या जड़ की छाल का उपयोग फायदेमंद होता है।
- कनेर की जड़ का उपयोग पेट के अल्सर तथा मस्तिष्क के रक्त स्राव में विशेषज्ञों के देखरेख में किया जाना लाभकारी होता है।
- कई जगह पर कनेर के पौधे का उपयोग अस्थमा व पेचिश तथा अन्य कई रोगों की दवाइयां बनाने में किया जाता है।
कनेर के प्रयोग दौरान रखी जाने वाली सावधानियां
कनेर एक विषैला पौधा होता है। Kaner का प्रयोग करने से पहले कुछ सावधानियां रखना जरूरी होता है इसका कुछ भाग जहरीला होता है और बाकि भाग औषधिय गुणों से भरपूर होता है। इसलिए इसका किसी भी प्रकार का प्रयोग करने से पहले चिकित्षक से परामर्श अवश्य कर लेवें।
FAQ
Q 1. क्या चर्म रोगों में कनेर का प्रयोग किया जा सकता है?
Ans चर्म रोगों को दूर करने में कनेर बहुत मददगार होता है इसके लिए सफेद कनेर की छाल का प्रयोग किया जाता है इसकी छाल को तेल में उबालकर ठंडा होने पर छानकर इस तेल का प्रयोग त्वचा संबंधी रोगों से छुटकारा पाने के लिए किया जाता है।
Q 2. क्या कनेर का पौधा जहरीला होता है?
Ans कनेर का पौधा प्रकृति में विषैला होने के बावजूद यह इंसानों के लिए काफी उपयोगी होता है। कनेर के पौधे के हर हिस्से में अल्कालॉयड पाए जाते हैं इसलिए इसका सीधा उपयोग स्वास्थ्य के लिए हानिकारक होता है।
आयुर्वेद चिकित्सा के अनुसार बहुत से विषैले पौधों का प्रयोग दवा के रूप में किया जा सकता है ऐसे ही कनेर जहरीला होने के बावजूद इसे शुद्ध करके व सीमित मात्रा में अनेक रोगों के उपचार में प्रयोग किया जा सकता है।
निष्कर्ष (Conclusion)
इस आर्टिकल में हमनें जाना कनेर क्या होता है तथा Kaner को किन-किन नामों से जाना जाता है। और kaner ke fayde औषधीय गुण और इसका प्रयोग किन किन बीमारियों में किया जा सकता है। इस लेख के बारे में आपके कोई भी सुझाव या सवाल हो तो नीचे कमेंट में जरूर लिखें।
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-: लेख को अंत तक पढ़ने के लिए धन्यवाद :-
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