गिलोय का काढ़ा पीने के जबरदस्त फायदे और उपयोग | Giloy ka kadha pine ke fayde

साधारण सी दिखने वाली गिलोय के हैं अनगिनत फायदे [Giloy ka kadha ke fayde] गिलोय का काढ़ा बनाने का तरीका Giloy ka kadha का सेवन कब और कैसे करना चाहिए जानिए सम्पूर्ण जानकारी

गिलोय [Guduchi] एक स्वास्थ्य के लिए लाभकारी आयुर्वेदिक जड़ी बूटी है। गिलोय काढा (Giloy ka kadha) सेहत के लिए काफी गुणकारी होता है शरीर में होने वाले किसी भी तरह के रोग या मौसमी बीमारियों से छुटकारा दिलाने में गिलोय का काढ़ा फायदेमंद माना जाता है।

कुछ दिन नियमित गिलोय का काढ़ा पीने से रोगप्रतिरोधक क्षमता मजबूत होती है Giloy ka kadha में प्रचुर मात्रा में पोषक तत्व और औषधीय गुण मौजूद होते हैं।

giloy ka kadha

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सम्पूर्ण भारत वर्ष में ऐसी बहुत सी जड़ी बूंटिया पाई जाती है जो सेहत के लिए बेहत उपयोगी होती है उनमे से ही एक गिलोय होती है। आयुर्वेद में गिलोय का काफी महत्त्व होता है अनेक प्राचीन शास्त्रों में गिलोय का वर्णन मिलता है इसलिए इसे अमृत माना गया है।

जीवनभर स्वस्थ रहने या निरोगी और लम्बा जीवन जीने के लिए गिलोय का उपयोग करना बहुत लाभदायक माना गया है।

इसे विभिन्न नामों से जाना और पहचाना जाता है तथा गिलोय का उपयोग भी अलग अलग तरीकों से किया जाता है जैसे Giloy ka kadha जूस, टेबलेट्स, पाउडर, गिलोय घनवटी आदि। यह शरीर की बीमारियों से रक्षा करने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाती है।

आयुर्वेद में गिलोय को स्वास्थ्य के लिए काफी लाभदायक आयुर्वेदिक जड़ी बूटी माना जाता है। इसका प्रयोग प्राचीन समय से ही अनेक स्वास्थ्य सम्बंधी समस्याओं से राहत पाने के लिए किया जाता है।

गिलोय बॉडी की इम्युनिटी बढ़ाने के साथ साथ कई अन्य बीमारियों में भी फायदेमंद होती है गिलोय में कुछ ऐसे गुण मौजूद होते है जो हमारे शरीर में चमत्कार का काम करते है। नियमित तौर पर Giloy ka kadha या गिलोय का किसी भी रूप में सेवन करने से संपूर्ण स्वास्थ्य पर काफी अच्छा प्रभाव पड़ता है।

Benefits of giloy kadha / सेहत के लिए क्यों फायदेमंद है गिलोय का काढ़ा

कुछ दिन रोज गिलोय का काढ़ा पीने से शरीर मे बीमारियों का खतरा कम होता है और हमेशा स्वस्थ व निरोगी शरीर बना रहता है तथा काफी रोगों का उपचार करने के लिए भी गिलोय काढ़ा या इसका किसी भी रूप में इस्तेमाल करना लाभकारी सिद्ध होता है। Giloy ka kadha पीने से शरीर का इम्यून सिस्टम मजबूत होता है।

गिलोय का किसी भी रूप में इस्तेमाल करने से बुखार, डेंगू चिकनगुनिया, वायरल इंफेक्शन, बैक्टीरियल इंफेक्शन जैसी स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं से राहत पाने में काफी मदद मिलती है।

ठंड के मौसम में नियमित गिलोय का काढ़ा पीने से सर्दी-जुकाम, खांसी, बुखार या Typhoid fever जैसी अनेक स्वास्थ्य संबधी समस्याओं से राहत मिलती है।

गिलोय काढ़ा पीने के फायदे – Giloy ka kadha benefits

इम्यूनिटी मजबूत करने में गिलोय काढ़ा

गिलोय का सेवन किसी भी तरह से करने या गिलोय का काढ़ा पीने से शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता काफी बढ़ती है और शरीर को बीमारियों से लड़ने की ताकत मिलती है।

इसलिए जिन लोगों का इम्यून सिस्टम कमजोर है जैसे छोटे बच्चे, बड़े या बुजुर्ग लोग तो उन्हें Giloy ka kadha नियमित पीने को अपनी दिनचर्या का हिस्सा जरूर बनाना चाहिए और यह प्रयोग कोरोना वायरस के समय में प्रमाणित हो चुका है।

सर्दी जुकाम से बचाये गिलोय काढ़ा

गिलोय या गुडूची शरीर में बीमारियों से लड़ने हेतू इम्यून सिस्टम को दुरुस्त रखने का काम करती है। गिलोय का काढ़ा खून में श्वेत रक्त कणिकाओं और इम्यूनिटी को बढ़ाने में काफी मददगार है।

इसका प्रयोग शारीरिक कमजोरी, दिल के रोग, पेट के रोग, सीने में जलन या जकड़न दूर करने के साथ साथ सर्दी-खांसी जुकाम आदि दूर करने में किया जाता है।

Giloy ka kadha पेट के सभी अंगों की कार्य क्षमता बढ़ाकर भूख को बढ़ाने का काम करता है। गिलोय हृदय रोगों के खतरे को भी कम करती है। गिलोय के तने से घर में आसानी से काढ़ा यानि Giloy ka kadha बनाकर उपयोग किया जा सकता है।

आजकल तो बाज़ार में भी गिलोय से बने उत्पाद जैसे गिलोय सत्व, गिलोय चूर्ण और गिलोय जूस आदि उपलब्ध है।

मधुमेह रोग में गिलोय का काढ़ा

नियमित गिलोय का काढ़ा पीने से ब्लड शुगर को कंट्रोल करने में काफी मदद मिलती है। क्योंकि गिलोय बॉडी में हाइपोग्लाइसेमिक एजेंट के रूम में काम करती है। गिलोय का काढ़ा रक्त शर्करा के स्तर को कम करके टाइप 2 डायबिटीज का परमानेंट उपचार करने में काफी सहायक होती है।

त्वचा के लिए फायदेमंद है गिलोय काढ़ा

गिलोय का काढ़ा भरपूर मात्रा में एंटीऑक्सीडेंट्स गुणों से भरपूर होने के कारण यह स्किन संबंधी तमाम तरह की समस्याओं में काफी फायदेमंद होता है।

गिलोय का काढ़ा पीने से त्वचा में प्राकृतिक निखार आता है तथा त्वचा हमेशा जवान बनी रहती है। गिलोय झुर्रियों से छुटकारा दिलाने और कोशिकाओं को स्वस्थ रखने में बहुत गुणकारी जड़ी बूटी होती है।

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डायजेस्टिव सिस्टम के लिए गिलोय काढ़ा

गिलोय का काढा पेट संबंधी तमाम तरह की समस्याओं से राहत दिलाने में उपयोगी होता है। नियमित गिलोय का काढ़ा पीने से गैस, एसिडिटी, कब्ज जैसी समस्याएं दूर होकर पाचन सिस्टम मजबूत होता है।

इसके अलावा गिलोय आंतो सम्बंधी समस्याओं से छुटकारा दिलाने और आंतों को मजबूत बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। जिन लोगों को कब्ज की परेशानी रहती है उनको गिलोय सत में गुड़ मिलाकर पीने से लाभ मिलता है।

बुखार में गिलोय काढ़ा

बुखार या सर्दी जुखाम खांसी जैसे किसी भी तरह के लक्षण दिखाई देने पर गिलोय के काढ़े का सेवन करना काफी फायदेमंद होता है।

इसके सेवन से किसी भी तरह के बुखार जैसे सामान्य बुखार, डेंगू बुखार, स्वाइन फ्लू , टाइफाइड बुखार, मलेरिया आदि किसी भी प्रकार के बुखार से छुटकारा दिलाने में गिलोय काफी मददगार मानी जाती है।

गिलोय का काढ़ा बनाकर पीने से डेंगू बुखार में प्लेटलेट्स में वृद्धि होती है। क्योंकि गिलोय में अनेक औषधीय गुण मौजूद होते है।

रक्तशोधक है गिलोय काढ़ा

गिलोय हमारे शरीर से विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालने का काम करती है। इसके सेवन से रक्त शुद्ध होता है और बैक्टीरिया या संक्रमण से लड़ने की शक्ति मिलती है। यह लिवर से संबंधित रोगों के लिए बहुत ही फायदेमंद होती है। आयुर्वेद में गिलोय को रक्तशोधक माना गया है।

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Giloy kadha

गिलोय का उपयोग कैसे करें – Giloy ka kadha kaise piye

शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए अगर गिलोय का सेवन करना चाहते हैं तो इसका सेवन खाली पेट करना अधिक लाभदायक होता है।

इसके लिए गिलोय का काढा, गिलोय अर्क, गिलोय रस, गिलोय की गोलियां, गिलोय पाउडर आदि के रूप में सेवन किया जा सकता है। नियमित इसके सेवन से अनेक रोगों से बचाव होने के साथ साथ त्वचा पर भी प्राकृतिक निखार आता है।

गिलोय का काढ़ा कैसे बनाएं – How to make giloy kadha

गिलोय का काढ़ा बनाने के लिए एक पैन में 200 मिली पानी डालकर उसमें 2 इंच गिलोय की डंडी के टुकड़े करके डालें इसे 20 मिनट तक धीमी आंच पर पकाते रहें तथा उसके बाद इसमें गुड़, तुलसी और नीम की ताजा पत्तियों को मिलाकर इस मिश्रण को फिर से अच्छे से पकाकर ठंडा होने पे छानकर उपयोग किया जा सकता है।

गिलोय का काढ़ा कितनी मात्रा में पीएं – Giloy ka kadha pine ki matra

गिलोय का काढ़ा संतुलित मात्रा में ही पीना स्वास्थ्य के लिए लाभदायक होता है अधिक मात्रा में इसका सेवन करने से यह स्वास्थ्य के लिए कुछ नुकसानदायक भी हो सकता है।

इसलिए हमेशा एक से दो इंच की गिलोय डंडी का ही काढ़ा बनाने में प्रयोग करना चाहिए बाकि उम्र स्वास्थ्य या शारीरिक हिस्ट्री या हेल्थ के अनुसार इसकी मात्रा कम या ज्यादा हो सकती है।

FAQ – Giloy ka kadha के बारे में पूछे जाने वाले सवाल

Q1. गिलोय का काढ़ा कितने दिन पीना चाहिए?

गिलोय का काढ़ा का नियमित सेवन किया जाए तो भी इसके किसी प्रकार के दुष्प्रभाव नहीं है क्योंकि यह एक आयुर्वेदिक जड़ी बूटी है। लेकिन गिलोय का सेवन करने के दौरान कुछ सावधानियां रखना भी जरूरी है जैसे एक दिन में अधिक मात्रा में गिलोय का सेवन नहीं करना चाहिए।

Q 2. क्या गिलोय काढ़ा के साइड इफेक्ट होते हैं?

आयुर्वेद के अनुसार सिमित मात्रा में गिलोय का काढ़ा पीने के कोई अधिक गंभीर दुष्प्रभाव तो नहीं होते हैं लेकिन फिर भी कुछ मामलों में इसका किसी अन्य पदार्थ के साथ सेवन करने से घबराहट या जी मिचलाना, कब्ज आदि समस्याएं हो सकती है। गर्भावस्था के दौरान या स्तनपान कराने वाली महिलाओं को इसका सेवन करने से पहले किसी योग्य चिकित्सक से परामर्श अवश्य लेना चाहिए।

Giloy ke fayde

निष्कर्ष _ Conclusion

आज के इस लेख में हमनें जाना गिलोय का काढ़ा पीने के फायदे क्या है तथा गिलोय किन किन रोगों से बचाने या शरीर की बीमारियों से रक्षा करने में लाभदायक होती है और गिलोय का काढ़ा बनाने का तरीका तथा Giloy ka kadha कब और कितनी मात्रा में पीना चाहिए। इसके बारे में अगर आपके कोई सवाल हो तो आप कॉमेंट बॉक्स में पूछ सकते है।

दोस्तों उम्मीद करते हैं आपको यह आर्टिकल जरूर पसंद आया होगा और यह आपके लिए काफी उपयोगी साबित होगा अपनी राय हमे कॉमेंट में जरूर बताना और इसे अपने दोस्तों के साथ शेयर भी अवश्य करना ताकि Giloy ka kadha के फायदों के बारे में जानकारी ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पंहुचाने में मदद हो सके।

👍इस लेख को अंत तक पढ़ने के लिए आपका धन्यवाद👍

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