पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम के लक्षण, कारण व उपाय : Pcos teatment in hindi
पोलिसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम PCOS एक आम स्थिति है। PCOS की समस्या एक महिला के अंडाशय की कार्यप्रणाली को प्रभावित करती है। अंडाशय महिलाओं की प्रजनन प्रणाली का हिस्सा होते हैं। यह गर्भाशय के दोनों तरफ पेट के निचले हिस्से में स्थित होते हैं।
महिलाओं के दो अंडाशय होते हैं जो अंडे के साथ-साथ एस्ट्रोजन और प्रोजेस्ट्रोन हार्मोन का उत्पादन करते हैं। आइए जानते हैं पीसीओएस के लक्षण और उपचार | Pcos|Pcod ka gharelu ilaj |in hindi
पीसीओएस क्या है (What is PCOS in hindi)
पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम (PCOS) महिलाओं के अंडाशय (ओवरी) से जुड़ी एक गंभीर बीमारी है। इस समय पूरी दुनिया में PCOS से पीड़ित महिलाओं की संख्या तेजी से बढ़ती जा रही है। पीसीओएस के कारण महिलाओं के शरीर में हार्मोन का संतुलन बिगड़ जाता है। PCOS के कारण गर्भ धारण करना मुश्किल हो जाता है।
महिलाओं में ओवरी (अंडाशय) शरीर का महत्वपूर्ण अंग होता है। इसके कारण ही उनमे प्रजनन क्षमता उत्पन होती है। PCOS की समस्या होने पर न तो महिलाओं को पीरियड्स ठीक से हो पाते हैं। और ना ही उन्हें प्रेग्नेंसी हो पाती है। इसी कारण महिलाओ को शारिरिक और मानसिक परेशानी का सामना करना पड़ता है।
Table of Contents
- 1 पीसीओएस क्या है (What is PCOS in hindi)
- 2 पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम PCOS क्या है (What is ovarian cyst in hindi)
- 3 पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम के लक्षण (Symptoms of PCOS in hindi)
- 4 पीसीओएस होने के कारण (Causes of PCOS in hindi)
- 5 पीसीओएस का उपचार : Pcos ka gharelu ilaj
- 6 PCOS में सावधानियां
- 7 पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम का आयुर्वेदिक उपचार
- 8 पीसीओडी प्रॉब्लम में क्या नहीं खाना चाहिए
पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम PCOS क्या है (What is ovarian cyst in hindi)
यह ओवरी से संबंधित समस्या है। इससे महिलाओं के शरीर में हार्मोन असंतुलन की स्थिति होने लगती है। ऐसे में महिलाओं के शरीर में फीमेल हार्मोन की बजाय मेल हार्मोन का स्तर ज्यादा बढ़ने लगता है। पीसीओएस होने पर अंडाशय में छोटी-छोटी कई (गांठे) सिस्ट बनने लगती है। इनमें तरल पदार्थ भरा होता है।
धीरे-धीरे यह गांठे बड़ी होकर ओव्यूलेशन की प्रक्रिया में रुकावट पैदा करती है। रुकावट के कारण गर्भधारण की संभावना कम रहती है। इसके कारण महिलाओं में टाइप 2 डायबिटीज होने की संभावना बढ़ जाती है।
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वैसे तो इसका इलाज अभी तक पूरी तरह संभव नहीं है। लेकिन जीवनशैली और खान-पान में बदलाव लाकर व सही इलाज से इसके लक्षणों को काफी कम किया जा सकता है। समय पर सही उपचार और जीवनशैली में परिवर्तन करने से पीसीओएस से पीड़ित महिलाएं भी गर्भवती हो सकती है। लेकिन यह रोग की गंभीरता व इलाज पर निर्भर करता है।
पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम के लक्षण (Symptoms of PCOS in hindi)
इस समस्या के कारण महिलाओं के चेहरे पर रोए और शरीर के अन्य अंगों पर घने बाल उगने लगते हैं। यह इस समस्या के सामान्य लक्षण है। इस हार्मोनल विकार से केवल एक ही प्रकार की समस्या नहीं होती इसके लक्षण एक महिला में समग्र स्वास्थ्य स्थिति के आधार पर परिवर्तनशील होते हैं। PCOS के कुछ सामान्य लक्षण निम्न है।
- लगातार सिर दर्द की समस्या होना
- भूख ना लगना या थोड़ा सा भोजन करने पर पेट फूलना व जलन होना
- अनचाही जगह में बालों का विकास
- संभोग करते वक्त असहनीय पीड़ा होना
- पीरियड्स का समय पर ना होना अनियमित मासिक धर्म
- पेट के निचले हिस्से में सूजन व दर्द होना
- कील मुंहासे या तेलीय त्वचा होना
- पीठ दर्द की समस्या होना व कमर का साइज बढ़ना
- असामान्य तरीके से वजन बढ़ना
- यूरिन त्याग के वक्त दर्द होना व यूरिन का रंग बदलना
- जी मिचलाना या उल्टी का आभास होना
- थकान और कमजोरी महसूस होना
पीसीओएस होने के कारण (Causes of PCOS in hindi)
इसके सही कारणों का पता लगाना असंभव है। किंतु एक्सपर्टस के अनुसार कुछ कारण हैं। जैसे नियमित दिनचर्या में बदलाव, बढ़ा हुआ तनाव, रात में देर तक जागना, सुबह देर तक सोना, स्मोकिंग और ड्रिंकिंग में महिलाओं का बढ़ता शौक आदि इस समस्या के मुख्य कारण हो सकते हैं। वंशानुगत रूप से भी यह समस्या होती है।
लम्बे समय तक गर्भनिरोधक गोलियों के सेवन के कारण हार्मोन असन्तुलित होने से PCOS होने की सम्भावना रहती है। शरीर में अधिक इंसुलिन के परिणाम स्वरूप अधिक एंड्रोजन का उत्पादन होता है। यह एक हार्मोनल असंतुलन का कारण बनता है और महिलाओं में ऐसी समस्याएं उत्पन्न होती है।
पीसीओएस का उपचार : Pcos ka gharelu ilaj
आहार और जीवनशैली में थोड़ा बदलाव लाकर ओवरी सिस्ट से बचा जा सकता है जैसे
- नियमित प्राणायाम और योगाभ्यास करना चाहिए
- भरपूर मात्रा में फाइबर युक्त आहार का सेवन करें
- प्रोटीन युक्त आहार अपनी डाइट में शामिल करें
- रेशेदार फलों का सेवन करें
- रात को जल्दी सोने और सुबह जल्दी जागने का पर्यतन करें
- बाहर का खाना खाने से बचें घर का संतुलित आहार लें
- भरपूर मात्रा में पानी व जूस का सेवन करें
- हरी पत्तेदार सब्जियों का सेवन करें
PCOS में सावधानियां
- डिब्बाबंद भोजन का प्रयोग ना करें
- पिज्जा, बर्गर, तेज मिर्च, मसालेदार खाद्य पदार्थों का सेवन ना करें
- मैदे से बनी चीजों का सेवन ना करें
- तेल में तली चीजों का सेवन ना करें
- फास्ट फूड जंक फूड का सेवन ना करें
- रात का भोजन हल्का और समय पर करें
पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम का आयुर्वेदिक उपचार
पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम प्रजनन उम्र की महिलाओं में सबसे आम एंडोक्राइन स्थिति है। जिसका इलाज जीवन शैली में कुछ परिवर्तन लाकर किया जा सकता है। साथ ही कुछ घरेलू नुस्खों की सहायता से भी इसे नियंत्रित किया जा सकता है जो इस प्रकार है।
पौष्टिक आहार
पीसीओएस की समस्या से राहत पाने के लिए खानपान का विशेष ध्यान रखने की अधिक आवश्यकता होती है इसलिए इनोसिटोल, जिंक, विटामिन D, विटामिन C, कैल्शियम (Calcium rich foods) और कॉड लिवर ऑयल जैसे सप्लीमेंट्स का नियमित सेवन करें।
पुदीना का सेवन
एक गिलास पानी में 8 से 10 पुदीने की पत्तियों को डालकर 10 मिनट तक उबाल लें इसे छानकर चाय की तरह सुबह के समय सेवन करने से टेस्टोस्टेरोन हार्मोन का स्तर कम होता है व शरीर में अतिरिक्त बालों का बढ़ना भी कम हो जाता है।
मेथी का सेवन
पीसीओएस की समस्या से राहत दिलाने में मेथी को काफी फायदेमंद माना गया है इसलिए मेथी के बीजों को रात को पानी में भिगो दें तथा सुबह खाली पेट एक चम्मच भीगे हुए बीजों को शहद के साथ नियमित सेवन करें।
मुलेठी का सेवन
पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम की समस्या में महिलाओं में पुरुष हार्मोन के स्तर को बढ़ने से रोकने में मुलेठी काफी लाभदायक होती है। एक चम्मच मुलेठी के चूर्ण को एक कप पानी में उबाल लें इसका काढ़ा बनाकर चाय की तरह पीयें कुछ दिन तक इसके सेवन करने से टेस्टोस्टेरोन के स्तर में कमी आती है।
हल्दी वाला दुध
रोज हल्दी वाला दूध पीना भी इस समस्या से राहत दिलाने में मददगार होता है। रात को सोते समय एक चौथाई चम्मच हल्दी दूध में डालकर और साथ में मिश्री मिलाकर इसका नियमित सेवन करने से शरीर में किसी भी प्रकार की सुजन या गांठ में लाभ मिलता है।
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पीसीओडी प्रॉब्लम में क्या नहीं खाना चाहिए
पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम की समस्या होने पर ऐसे खाद्य पदार्थों को खाने से बचना चाहिए जिन में हाई ग्लाइसेमिक इंडेक्स होता है। क्योंकि उच्च जी आई रक्त शर्करा के स्तर में तुरंत बढ़ोतरी करने का कारण बनता है। ऐसे खाद्य पदार्थों में मुख्य है जैसे आलू चावल, सफेद ब्रेड, पेस्ट्री, केक आदि ऐसे खाद्य पदार्थ है जिनका उच्च जीआई होता है।
FAQ
Q 1. पी सी ओ डी को ठीक करने के लिए क्या खाएं?
Ans पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम की समस्या से राहत पाने के लिए अपने नियमित आहार में कुछ बदलाव करने की आवश्यकता होती है। इसके लिए फाइबर से भरपूर पदार्थों का अधिक सेवन करें। अपनी नियमित डाइट में कार्बोहाइड्रेट युक्त भोजन को शामिल करें। सब्जियां, साबुत अनाज, दालें आदि ऐसे खाद्य पदार्थ है जो पीसीओएस जल्दी ठीक करने में मददगार है।
Q 2. पीसीओडी क्यों हो जाता है?
Ans पॉलीसिस्टिक ओवरी डिजीज महिलाओं में होने वाली एक कॉमन प्रॉब्लम होती है इस समस्या के होने का मुख्य कारण हारमोंस में असंतुलन होना होता है। पीसीओडी की समस्या से पीड़ित महिला की बॉडी में एंड्रोजन यानि पुरुष हार्मोन का स्तर बढ़ जाता है तथा अंडाशय पर सिस्ट बनना शुरू हो जाती है।
निष्कर्ष
PCOS एक महिला स्वास्थ्य से संबंधित प्रमुख मुद्दा है। आपकी जानकारी में कोई महिला इस विकार से प्रभावित जरूर होगी हमारा आपको डराने का इरादा नहीं है। बल्कि हमारा उद्देश्य आपको इससे सचेत करना है।
इस आर्टिकल में दी गई तमाम जानकारियों को सूचनात्मक उद्देश्य से लिखा गया है अतः किसी भी सुझाव को आजमाना से पहले अपने चिकित्सक से परामर्श अवश्य कर लेवें।
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-: लेख को अंत तक पढ़ने के लिए धन्यवाद :-
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