विडाल टेस्ट पॉजिटिव ट्रीटमेंट (Typhoid treatment tips in hindi) टायफाइड का इलाज
इस आर्टिकल में बात करते हैं आंत्र ज्वर या टाइफाइड का आयुर्वेदिक इलाज (Typhoid treatment) क्या है। टाइफाइड बुखार (Typhoid fever) में लोगों को तेज बुखार के साथ सिर दर्द, बदन दर्द, छाती में जलन आदि समस्याओं का सामना करना पड़ता है।
निरोगी हेल्थ के इस आर्टिकल में जानेगे Typhoid treatment at home आयुर्वेद के कुछ उपायों के द्वारा टाइफाइड का घरेलू इलाज (Typhoid treatment) कैसे किया जा सकता है। टाइफाइड का आयुर्वेदिक इलाज|Typhoid treatment at home| in hindi
टाइफाइड क्या है (Typhoid fever kya hai)
यह एक प्रकार का बुखार ही होता है। टाइफाइड का हिंदी नाम आंत्र ज्वर होता है। यह जीवन के लिए एक खतरनाक रोग है इसे मियादी बुखार भी कहा जाता है।
टाइफाइड ज्वर संक्रमण में पाचन तंत्र व ब्लड के प्रवाह में साल्मोनेला टाइफी नामक बैक्टीरिया होता है जो कि दूषित जल व दूषित भोजन के द्वारा हमारे शरीर में प्रवेश करता है।
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यह एक सक्रमण रोग है इससे ग्रसित व्यक्ति को 102 से 104 डिग्री तक ज्वर आता है। इस बुखार का इलाज (Typhoid treatment) समय पर करवाना जरूरी होता है नहीं तो यह बार बार होने लगता है।
टाइफाइड के लक्षण (Typhoid fever symptoms)
इस बुखार के शरीर में अनेक प्रकार के लक्षण दिखाई देते है इसमें बहुत तेज बुखार आता है और पुरे शरीर व सिर में बहुत तेज दर्द भी होता है इसके आलावा टायफाइड के और भी लक्षण होते है जैसे
- तेज बुखार होना
- भूख का ना लगना
- सिर दर्द की समस्या होना
- बदन दर्द, कमजोरी होना
- कभी ठंड व कभी पसीना आना
- पेट में दर्द के साथ दस्त की समस्या होना
इसके अलावा इसके और भी बहुत से लक्षण है इसको मियादी बुखार के नाम से भी जाना जाता है।
टायफाइड का इलाज (Typhoid treatment tips in hindi)
1. महासुदर्शन चूर्ण 50 ग्राम
2.गोदंती भस्म 10 ग्राम
3.मधुरांतक वटी 1 ग्राम
महासुदर्शन चूर्ण की बराबर मात्रा में 21 पुड़िया बना कर उनमें गोदंती भस्म भी सभी 21 पूड़ियों में बराबर मात्रा में डाल दें इसके बाद मधुरंतक वटी की एक-एक गोली इन पूड़ियों में डालें।
एक पूड़ी सुबह खाली पेट एक दोपहर और एक शाम को खाने से एक घंटा पहले गुनगुने पानी के साथ सेवन करें यही प्रक्रिया 30 दिन दोहराये।
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टाइफाइड बुखार का उपचार (Typhoid fever treatment in hindi)
इस बुखार के रोगी को 4-5 लौंग, 4-5 तुलसी की पत्तियां और 4-5 नीम की पत्तियां तीनो को पानी मे उबालकर दिन में 4 से 5 बार पिलाना चाहिए ।
- गुनगुने पानी में एक चम्मच शहद मिलाकर सुबह-शाम सेवन करें शहद में एंटी वायरल, एंटी बैक्टीरिया, एंटी ऑक्सीडेंट जैसे गुण होने के कारण यह Typhoid fever में राहत दिलाता है।
- सूरजमुखी के पत्तों का रस व तुलसी की पत्तियों का रस मिलाकर पीने से भी टाइफाइड में राहत मिलती है।
- बुखार में सर्दी जुखाम भी है तो पानी में तुलसी, मुलेठी, शहद और मिश्री को मिलाकर काढ़ा बनाकर पीना फायदेमंद होता है।
- बुखार में ज्यादा से ज्यादा पानी पीना फायदेमंद होता है पानी ज्यादा पीने की वजह से पसीने से शरीर के विषैले पदार्थ निकल जाते हैं।
- टाइफाइड का बुखार ठीक होने में ज्यादा समय लेता है पुदीना और अदरक का काढा भी इस बुखार को जड़ से खत्म करने के लिए फायदेमंद होता है।
- Typhoid fever के रोगी को आराम करने की सलाह दी जाती है पर्याप्त आराम इस ज्वर में इंसान के लिए जरूरी है।
- अगर फीवर आये तो नार्मल पेरासिटामोल ले सकते है तथा टाइफाइड से बचने के लिए वैक्सीन भी लगवाए।
टाइफाइड बुखार में सावधानी
इस रोग में घरेलू उपचार और नुस्खों के प्रयोग के साथ साथ कुछ सावधानियां रखना भी जरूरी होता है।
- मक्खन, घी, पेस्ट्री, तले आहार, मिठाइयां, पैकेट फूड, चाट मसाला, चावल, ठंडे पदार्थ, अचार आदि वस्तुओं का सेवन ना करें।
- भोजन भी भरपेट ना करें ऐसा कोई भोजन न करें जो देर से पचता हो उबला हुआ व साफ पानी पिए पर्याप्त मात्रा में धुप ले एसी कूलर का ज्यादा प्रयोग ना करें। इन सब से आप सक्रमण रोग टाइफाइड से बचे रह सकते है।
FAQ
Q 1. टाइफाइड को जड़ से कैसे खत्म करें?
Ans विडाल की समस्या से छुटकारा पाने Typhoid treatment के लिए लौंग को काफी कारगर माना जाता है। इसके लिए 2 लीटर पानी मे 8-10 लौंग, इलायची, तुलसी, दालचीनी, इन सभी की थोड़ी थोड़ी मात्रा डालकर उबालकर ठंडा होने के बाद इसी पानी का सेवन करें। लगातार कई दिनों इस तरह से उबालकर पानी पीने से टाइफाइड से छुटकारा मिलता है।
Q 2. टाइफाइड में कौनसा काढ़ा पीना चाहिए?
Ans यह बीमारी दूषित पानी और भोजन के कारण ही होती है। इसलिए इससे छुटकारा पाने के लिए नियमित पानी मे मनुक्का, दालचीनी, अंजीर, तुलसी, गिलोय, इलायची, अजवाइन आदि डालकर इसका काढ़ा बनाकर सेवन करने से विडाल से छुटकारा मिलता है।
Q 3. टायफाइड होने पर क्या खाना चाहिए?
Ans टाइफाइड होने पर भर पेट भोजन नही करना चाहिए। मूंग और मसूर की सादी दाल का ज्यादा सेवन करना चाहिए। इसके साथ ही दलिया का भी सेवन किया जा सकता है। टायफाइड के दौरान सब्जियों का सूप बनाकर सेवन करना लाभदायक होता है। इसके अलावा इसमें मनुका दाख या किशमिश को पानी मे भिगोकर नियमित सेवन करना भी लाभकारी होता है।
Q 4. टाइफाइड में आई कमजोरी को कैसे दूर करें?
Ans टाइफाइड फीवर में हल्का और सुपाच्य भोजन करना चाहिए। दलिया, खिचड़ी, सूप आदि का सेवन करना टाइफाइड में लाभकारी माना जाता है। इन में पाए जाने वाले पोषक तत्व शरीर को ऊर्जा प्रदान करने में सहायक होते हैं। साथ ही इनका सेवन करने से कमजोरी में भी लाभ मिलता है।
निष्कर्ष (Conclusion)
इस आर्टिकल में हमने जाना टायफाइड क्या है Typhoid treatment at home और इसके होने के कारण लक्षण क्या है और टायफाइड बुखार का घरेलू उपचार (Typhoid treatment) कैसे किया जा सकता है तथा इस टायफाइड बुखार में कौन कौन सी सावधानियां रखना जरूरी होता है। इस लेख के बारे में आपके कोई भी सवाल या सुझाव हो तो आप कमेंट में लिख सकते है।
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-: लेख को अंत तक पढ़ने के लिए धन्यवाद :-
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Nice